whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

जब मेघालय की जनता ने 'ह‍िटलर' को द‍िला दी जीत, चुनाव आयोग भी रह गया हैरान

Adolf Lu Hitler R Marak: क्या आप जानते हैं कि मेघालय की जनता ने 'हिटलर' को चुनाव में जीत दिलाई थी। सुनने में आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है। हिटलर की जीत से चुनाव आयोग भी हैरान रह गया। यह पूरा मामला क्या है, आइए जानते हैं...
02:25 PM Mar 19, 2024 IST | Achyut Kumar
जब मेघालय की जनता ने  ह‍िटलर  को द‍िला दी जीत  चुनाव आयोग भी रह गया हैरान
Adolf Lu Hitler Marak को मेघालय की जनता ने चुनाव में दिलाई जीत

Adolf Lu Hitler R Marak: लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत हो गई है। अगले महीने की 19 तारीख से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान शुरू हो जाएंगे। लोग अपनी पसंद के नेता के पक्ष में वोट कर उसे लोकसभा पहुंचाने का काम करेंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे देश की जनता ने 'हिटलर' को भी चुनाव में जीत दिलाकर सदन में पहुंचाने का काम किया था। आइए, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है...

Advertisement

जॉन एफ कैनेडी ने हिटलर को किया गिरफ्तार

दरअसल, हम जिस हिटलर की बात कर रहे हैं, वह जर्मनी का तानाशाह नहीं, बल्कि मेघालय के एडॉल्फ लू हिटलर आर. मराक (Adolf Lu Hitler R. Marak) हैं, जिन्हें 2008 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जॉन एफ कैनेडी ने गिरफ्तार किया था। ये अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति चुने गए कैनेडी नहीं हैं, बल्कि एक पुलिस अधीक्षक हैं।

Advertisement

हिटलर ने रंगसकोना से लड़ा विधानसभा चुनाव

हिटलर ने 2008 में एनसीपी के टिकट पर रंगसकोना सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के जेनिथ एम. संगमा को 1839 वोटों से हराया था। हिटलर को 8193, जबकि संगमा को 6354 वोट मिले थे।

Advertisement

2008 में 3 मई को हुए थे विधानसभा चुनाव

मेघालय में 2008 में 3 मई को विधानसभा चुनाव हुए थे। वोटों की गिनती 7 मई को हुई थी। इस चुनाव में कुल 15170 वैध मत पड़े, जबकि तीन वोटों को रिजेक्ट कर दिया गया। चुनाव आयोग ने कुल 21 पोलिंग स्टेशन बनाए थे, जिसमें औसतन 763 मतदाताओं ने मतदान किया।

कौन हैं एडॉल्फ लू हिटलर?

एडॉल्फ लू हिटलर का जन्म 1958 में हुआ। वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। उन्होंने मेघालय सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री के रूप में काम किया। उन्हें फरवरी 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में मात्र 300 वोटों से जेनिथ संगमा के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें 27 जून को प्रतिबंधित आतंकी समूह अचिक नेशनल वालंटियर्स के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, एक महीने बाद ही उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

यह भी पढ़ें: लालू यादव जिस सीट से पहली बार बने सांसद, अब वहीं से बेटी रोहिणी आचार्य लड़ सकती हैं चुनाव

हिटलर नाम क्यों रखा गया?

हिटलर मराक ने कहा कि मेरे माता-पिता को शायद यह नाम पसंद आया। इसलिए उन्होंने मेरा नाम हिटलर रख दिया। हालांकि, मैं तानाशाही प्रवृत्ति का इंसान नहीं हूं।

यह भी पढ़ें: लालू यादव के बाद मीसा भारती को भी इस सीट पर मिली हार, क्या 2024 में खत्म होगा BJP का वर्चस्व?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो