पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है? चिराग के फैसलों से उठे सवाल, अब कर दी ये मांग
Chirag Paswan News: पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है? 4 जून को लोकसभा नतीजों के तीन महीने बाद एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान से यह सवाल बनता है। दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता लगातार बीजेपी के स्टैंड के उलट अपनी लाइन खींच रहे हैं। चिराग ने पहले लेटरल एंट्री के मामले पार्टी का विरोध किया और अब जातीय जनगणना की मांग कर दी है।
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मोदी 3.0 में चिराग पासवान एनडीए सहयोगी के तौर पर एक बड़े किरदार हैं। चिराग पासवान ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरी पार्टी हमेशा से जातीय जनगणना के पक्ष में रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का स्टैंड इस मामले में हमेशा से क्लियर रहा है।
उन्होंने कहा कि बहुत बार केंद्र और राज्य सरकार लाभार्थियों की जाति को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाती हैं। ऐसी योजनाओं का लक्ष्य पिछड़े वर्ग की जातियों को लाभ देने के साथ उन्हें मुख्यधारा में लाना होता है। चिराग ने कहा कि जब केंद्र सरकार को जातियों की संख्या के बारे में पता होगा, तभी वे संसाधनों के बंटवारे और स्कीम के लाभ को लाभार्थियों तक ज्यादा बेहतर तरीके से पहुंचा पाएंगी।
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लेटरल एंट्री का भी किया था विरोध
चिराग पासवान केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय संभाल रहे हैं। इससे पहले उन्होंने लेटरल एंट्री के मामले पर केंद्र सरकार का विरोध किया था। सिविल सेवा में लेटरल एंट्री के फैसले को उन्होंने पूरी तरह गलत बताया था।
बता दें कि जातीय जनगणना के मामले पर चिराग पासवान का स्टैंड बीजेपी के खिलाफ है। बीजेपी देश भर में जातीय जनगणना कराने के खिलाफ है। वहीं चिराग पासवान के विचार कांग्रेस से मिलते हैं, जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में कहा था कि पार्टी अगर सत्ता में आती है तो वह सामाजिक और आर्थिक तौर पर जातीय जनगणना कराएगी।
राहुल गांधी ने दोहराया वादा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते दिनों प्रयागराज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि वे राजनीतिक नुकसान उठाकर भी जातीय जनगणना कराएंगे। उन्होंने कहा था कि कोई जातीय जनगणना को रोक नहीं पाएगा। प्रधानमंत्री को तुरंत इसकी घोषणा करनी चाहिए। अगर वह नहीं करेंगे तो दूसरा प्रधानमंत्री करेगा।