फेसम वकील एजी नूरानी कौन? 93 साल की उम्र में हुआ निधन, कश्मीर पर लिखी है ये किताब
AG Noorani Passed Away : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व वकील और संवैधानिक मामलों के एक्सपर्ट एजी नूरानी का गुरुवार को निधन हो गया। 93 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजनीति से लेकर विद्वान जगत में शोक की लहर है। वे कानून के जानकार के साथ-साथ राजनीतिक टिप्प्णीकार भी थे। उन्होंने कई किताबें लिखीं। आइए जानते हैं कि कौन थे एजी नूरानी?
कौन थे एजी नूरानी
अब्दुल गफूर नूरानी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से वकालत की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने लंबे समय तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की थी। उन्होंने हाईकोर्ट में तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि की ओर से उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जे जयललिता के खिलाफ पैरवी की थी। उनका जन्म मुबई में 16 सितंबर 1930 को हुआ था। उन्होंने मुंबई से ही लॉ की पढ़ाई की। उनका अखबारों में भी कॉलम छपता था।
नूरानी ने लिखीं ये किताबें
नूरानी ने कई किताबें भी लिखीं। उन्होंने जम्मू कश्मीर पर 'द कश्मीर क्वेश्चन' किताब लिखी। उनके नाम पर कॉन्स्टिट्यूशनल क्वेश्चन इन इंडिया और द आरएसएस एंड द बीजेपी: ए डिवीजन ऑफ लेबर, ब्रेझनेव्स प्लान फॉर एशियन सिक्योरिटी, बदरुद्दीन तैयबजी मिनिस्टर्स मिसकंडक्ट, द प्रेसिडेंशियल सिस्टम, द ट्रायल ऑफ भगत सिंह किताब हैं।
उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट कर नूरानी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि एजी नूरानी साहब के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। नूरानी साहब एक विद्वान और राजनीतिक टिप्पणीकार थे। उन्होंने कानून के मामलों और कश्मीर, आरएसएस और संविधान जैसे विषयों पर बहुत कुछ लिखा। अल्लाह, उन्हें जन्नत में स्थान प्रदान करे।
ओवैसी ने व्यक्त किया शोक
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विद्वानों के बीच एक दिग्गज एजी नूरानीका निधन हो गया। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा, संविधान से लेकर कश्मीर, चीन और यहां तककि अच्छे खाने की सराहना करने की कला भी। अल्लाह उन्हें मगफिरत अता करे।