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पापा मैं CA बन गई... रोते हुए पिता के गले लगी बेटी, वीडियो शेयर कर बताई जर्नी

Amita Prajapati CA Topper: 11 जुलाई 2024 को सीए की परीक्षा के नतीजे आए हैं। दिल्ली की रहने वाली अमिता प्रजापति का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। अमिता के पिता चाय बेचते हैं। झुग्गी झोपड़ी में रहते हुए अमिता ने ये मुकाम हासिल किया है।
03:55 PM Jul 21, 2024 IST | Sakshi Pandey
पापा मैं ca बन गई    रोते हुए पिता के गले लगी बेटी  वीडियो शेयर कर बताई जर्नी

Amita Prajapati CA Topper: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक सीए की टॉपर्स लिस्ट सामने आ गई है। इस लिस्ट में दिल्ली की रहने वाली अमिता प्रजापति का नाम भी शामिल है। सीए बनने के बाद अमिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपने पिता से लिपट कर खूब रो रही हैं। अमिता ने ये वीडियो शेयर करते हुए एक भावुक पोस्ट लिखा है। इसमें अमिता ने अपने सीए बनने की कहानी बयां की है।

10 साल की कड़ी मेहनत

अमिता के पिता चाय बेचते हैं। वहीं सीए बनने में उन्हें 10 साल लग गए। इस बीच अमिता की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए। उनके पिता को रिश्तेदारों ने ताने भी सुनाए। मगर अमिता ने हार नहीं मानी और 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने मंजिल हासिल कर ली।

अमिता ने शेयर किया वीडियो

अमिता ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि पापा मैं सीए बन गई। इसमें 10 साल लगे। आंखों में सपना लिए हर रोज खुद से पूछती थी ये सपना ही है या कभी सच भी होगा? 11 जुलाई 2024 को ये सपना सच हो गया। हां सपने सच होते हैं। लोग कहते थे क्यों करवा रहे हो इतना बड़ा कोर्स, तुम्हारी बेटी नहीं कर पाएगी क्योंकि मैं पढ़ने में कमजोर थी।

 

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लोगों ने सुनाए ताने

अमिता ने लोगों के तानों का जिक्र करते हुए लिखा कि लोग पापा से कहते थे चाय बेचकर तुम इतना नहीं पढ़ा पाओगे, पैसा बचाकर घर बनवा लो। कब तक जवान बेटी को लेकर सड़क पर रहोगे? वैसे भी एक दिन तो इन्हें जाना ही है पराया धन है, तुम्हारे पास कुछ नहीं बचेगा। हां मैं स्लम में रहती हूं। ये बहुत कम लोग ही जानते हैं लेकिन अब मुझे कोई शर्म नहीं है।

पूरा हुआ सपना

अमिता का कहना है कि कई लोग मुझसे कहते थे 'झुग्गी झोपड़ी उल्टी खोपड़ी'। वो बिल्कुल सही कहते थे। उल्टी खोपड़ी नहीं होती तो आज यहां तक नहीं पहुंचती। अब इस लायक हूं कि अपने पापा को घर बनवाकर दे सकती हूं। उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी कर सकती हूं। पहली बार पापा को गले लगाकर रोई हूं। सुकून है। इस पल के लिए बहुत इंतजार किया था।

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