'LAC पर हालात सामान्य नहीं, चीन फिर करेगा हिमाकत...' आर्मी चीफ ने बताया ज्यादा भरोसे ने कैसे पहुंचाया नुकसान?
Army Chief Upendra Dwivedi Reaction on China: सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने चीन से लगी एलएसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है लेकिन उसे ग्राउंड पर लागू करने का काम मिलिट्री कमांडर देखेंगे। उन्होंने कहा कि एलएसी पर हालात स्थिर है लेकिन सामान्य नहीं है। सेना प्रमुख ने बातें चाणक्य डिफेंस डायलाॅग के दौरान कही।
आर्मी चीफ ने कहा कि चीन के साथ कंपीट और कोऑपरेट करना होता है। इसके अलावा कंफ्रंट और कोएक्जिस्ट भी करना होता है। हम चाहते है कि जो स्थिति अप्रैल 2020 से पहले थी, वह वापस आ जाए। चाहे वह पेट्रोलिंग को लेकर हो, बफर जोन हो या ग्राउंड में कौन-कहां पर था। जब तक 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं होगी, तब तक स्थिति चिंताजनक स्तर पर रहेगी। हम किसी भी ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चाहे वह जो भी स्थिति में आए हम उसका मुकाबला कर सकते हैं।
भरोसे के कारण हुआ नुकसान
सेना प्रमुख ने कहा कि इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान भरोसे का हुआ है। कई मसले ऐसे थे जिन्हें सुलझाना आसान था। जहां स्थिति ज्यादा मुश्किल है, वहां दोनों ओर से अपना-अपना परसेप्शन है। जनरल ने कहा कि दोनों देशों की ओर से कुछ पाॅजिटिव संकेत मिले हैं लेकिन मिलिट्री कमांडर इस पर बैठकर बात करेंगे और फिर उसे जमीन पर कैसे उतारना है। यह तभी हो पाएगा जब हर फ्रंट और पहलू को लेकर अलग-अलग बातचीत होगी।
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हमारे माॅडल विलेज चाइना से बेहतर
उन्होंने कहा कि चीन ने एलएसी की ओर कई गांव बनाए हैं, जिन्हें लेकर भारतीय सेना शुरुआत से ही सतर्क है। सेना प्रमुख ने कहा कि तिब्बत और चीन की आबादी एलएसी के पास नहीं है। वे आर्टिफिशियल इमिग्रेशन कर रहे हैं। उनका देश है वे जो चाहें कर सकते हैं। इसके पीछे बड़ा डिजाइन है, हमें देखना होगा। हमारी सीमा पर भी माॅडल विलेज हैं। राज्य सरकार, आर्मी और केंद्र सरकार मिलकर इस पर काम कर रही है।
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साउथ चाइना सी को लेकर ये बोले
आर्मी चीफ ने कहा कि साउथ चाइना सी में क्या हो रहा है? पहले ग्रे जोन में मछुआरे आए, फिर उन्हें बचाने के लिए मिलिट्री आती है। इसके पीछे कुछ और डिजाइन है जोकि हमें देखनी होगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद वहां के हालात बदले हैं। अमरनाथ में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी और खूब विकास हुआ। हमारा ज्यादा जोर दक्षिण कश्मीर पर था वहां भी अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं।