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असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ में ऐसा क्या कह दिया? कि अब सदस्यता रद्द करने तक पहुंच गई बात

Asaduddin Owaisi Slogan Controversy: असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली। इस दौरान उन्होंने दुआ पढ़ी और जय फिलिस्तीन का नारा लगाया। इसको लेकर बीजेपी ने उनकी जमकर आलोचना की। वहीं अब उनकी शिकायत राष्ट्रपति से की गई है।
09:25 AM Jun 26, 2024 IST | Rakesh Choudhary
असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ में ऐसा क्या कह दिया  कि अब सदस्यता रद्द करने तक पहुंच गई बात
जय फिलिस्तीन कहकर बुरे फंसे असदुद्दीन ओवैसी

Asaduddin Owaisi Slogan Controversy: AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार 25 जून को सांसद पद की शपथ ली। इस दौरान उन्होंने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया। इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति को शिकायत दर्ज कराई गई है। बता दें कि हैदराबाद लगातार पांचवीं बार सांसद बने ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में उर्दू में शपथ ली। शपथ लेने से पहले दुआ भी पढ़ी। शपथ के बाद उन्होंने जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फिलिस्तीन के नारे लगाए। ओवैसी के इस नारे के एनडीए के सांसदों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

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शपथ के बाद प्रोटेम स्पीकर ने चेयर से कहा कि ओवैसी की शपथ का मूल पाठ ही रिकाॅर्ड में लिया जाएगा। बाकी अन्य सभी चीजों को हटा दिया जाएगा। शपथ के बाद उठे विवाद को लेकर ओवैसी ने कहा कि उन्होंने सदन में जय फिलिस्तीन कहा है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग सदस्यों ने अलग-अलग बातें कही हैं। मैंने भी जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फिलिस्तीन कहा। इसमें गलत क्या है? मुझे संविधान के प्रावधान बताएं। महात्मा गांधी की फिलिस्तीन को लेकर क्या कहा था? ये भी बताया जाना चाहिए।

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राष्ट्रपति से सदस्यता रद्द करने की मांग

ओवैसी के जय फिलिस्तीन के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने मंगवार को राष्ट्रपति को शिकायत की है। इसमें मांग की गई है ओवैसी की सदस्यता रद्द की जाए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत भारत के राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई गई। जिसमें उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।

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क्या कहता है अनुच्छेद 102

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 102 में अयोग्यता का प्रावधान है। इसके मुताबिक अगर कोई सांसद लाभ के पद पर है उसकी संसद सदस्यता जा सकती है। इसके अलावा कोई भी सांसद जो संसद द्वारा बनाए गए कानून के तहत अयोग्य ठहराया जाता है तो संसद सदस्यता भंग हो सकती है। ओवैसी के मामले में ऐसा कुछ नहीं है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट के वकील द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर राष्ट्रपति कोई एक्शन लेगी या नहीं। हां अगर लोकसभा स्पीकर ओवैसी की नारेबाजी को आचार समिति के पास जांच के लिए भेजते है तो उनकी सदस्यता पर खतरा हो सकता है। क्योंकि आचार समिति सांसदों के आचरण से संबंधित शिकायतों की जांच करती हैं।

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