Avadh Ojha लड़ना चाहते थे लोकसभा चुनाव, जानें किस पाटी से और कहां से मांग रहे थे टिकट?
Avadh Ojha Desired to Contest Lok Sabha Election 2024: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में एक बड़े चेहरे की एंट्री हुई। जी हां, मोटिवेशनल स्पीकर और देश को IAS-IPS तैयार करके देने वाले Avadh Ojha ने आज पार्टी जॉइन की। उन्हें अरविंद केजरीवाल ने खुद पार्टी की सदस्यता दिलाई और इसके साथ ही Avadh Ojha की राजनीति में एंट्री हो गई। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 लड़ने की इच्छा जताई है।
साथ ही प्रतिबद्धता जताई है कि वे आम आदमी पार्टी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए भी काम करेंगे। अब वे अपने मकसद में कितने कामयाब होंगे, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन Avadh Ojha के बारे में यहां बताने योग्य खास बात यह है कि Avadh Ojha लोकसभा चुनाव 2024 लड़ना चाहते थे? जी हां, एक मीडिया हाउस का दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुद अपनी इस इच्छा के बारे में बताया था। आइए जानते हैं कि आखिर वह किस्सा क्या है?
#WATCH | Awadh Ojha joins Aam Aadmi Party in the presence of party national convenor Arvind Kejriwal and leader Manish Sisodia. pic.twitter.com/14Xyev3rPN
— ANI (@ANI) December 2, 2024
दोनों बड़े दलों से मांगा था लोकसभा चुनाव टिकट
एक मीडिया हाउस के मंच से युवाओं को संबोधित कर रहे अवध ओझा तो जब सवाल पूछा गया कि वे राजनीति में कब आएंगे? वे चुनाव कब लड़ेंगे? तो सवाल का जवाब देते हुए अवध ओझा ने कहा कि चुनाव तो हम कबसे लड़ना चाहते हैं, लेकिन मौका नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि वे किशनगंज से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वे लोकसभा चुनाव 2024 भी लड़ना चाहते थे। उन्होंने भाजपा से प्रयागराज सीट से और कांग्रेस से अमेठी सीट के लिए चुनाव टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया। दोनों पार्टियों ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि जब भाजपा और कांग्रेस ने उन्हें राह नहीं दिखाई तो उन्होंने आम आदमी पार्टी को अपना सारथी बना लिया।
आखिरी अटेम्प्ट में भी क्लीयर नहीं कर पाए UPSC
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Avadh Ojha उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं। उनके पिता श्रीमाता प्रसाद ओझा गोंडा के पोस्टमास्टर थे। उन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ाने के लिए 5 एकड़ जमीन बेच दी थी। वे वकील बनी थीं। अवध बचपन से ही IAS बनने का सपना देखते थे। उनके इस सपने को पूरा करने के लिए पिता ने बाकी बची जमीन भी बेच दी थी। वे दिल्ली आ गए, जहां उन्होंने UPSC की कोचिंग ली, लेकिन आखिरी अटेम्प्ट में भी वे मेंस एग्जाम क्लीयर नहीं कर पाए।
अवध ओझा के पढ़ाने का तरीका काफी लोकप्रिय
फेल होने के कारण उनका मां से झगड़ा हुआ तो मां ने उन्हें फेल होने पर ताना मारा। इससे दुखी होकर उन्होंने घर छोड़ दिया था। घर छोड़कर वे अपने दोस्त के पास इलाहाबाद आ गए और उन्होंने कोचिंग सेंटर में पढ़ाना शुरू कर दिया। उनके पढ़ाने का तरीका छात्रों को पसंद आया और उनकी क्लास में छात्रों की संख्या बढ़ती चली गई। फिर उन्होंने UPSC के स्टूडेंट्स को पढ़ाना शुरू कर दिया। एक यूट्यूब चैनल भी खोल लिया, जो काफी लोकप्रिय हो गया। आज वह UPSC स्टूडेंट्स को इतिहास पढ़ाते हैं और कहा जाता है कि उनसे अच्छा इतिहास कोई नहीं पढ़ा सकता।