'हम दोषी नहीं, निकिता जल्द जवाब देंगी', अतुल सुभाष की पत्नी के परिजनों का रिएक्शन आया सामने, जानें क्या बोले?
Atul Subhash Suicide Case: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला देशभर में छाया हुआ है। अब इस मामले में पत्नी के परिजनों का रिएक्शन सामने आया है। पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया ने सुभाष के आत्महत्या मामले में शामिल होने से इनकार किया है। बता दें कि सुभाष ने 9 दिसंबर को सुसाइड किया था। सुभाष ने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसके परिजनों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
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एफआईआर में सुशील सिंघानिया, निकिता, उसकी मां, भाई को आरोपी बनाया गया है। इन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और मोटी रकम मांगने के आरोप हैं। अब निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि आत्महत्या से जुड़े आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। इस मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है। उन लोगों की सालों से सुभाष से मुलाकात भी नहीं हुई।
70 वर्षीय सुशील ने दावा किया कि वे किसी भी आरोप या दोष में शामिल नहीं है। मुझे तो सिर्फ मीडिया के जरिए पता लगा है कि मेरा नाम भी FIR में दर्ज किया गया है। यह मामला तो पिछले 3 साल से चल रहा है। मेरा इससे कोई जुड़ाव नहीं है। जब अतुल सुभाष ने आत्महत्या की तो मैं और परिवार के सदस्य घर पर भी मौजूद नहीं थे। वीडियो में जो भी दावे किए गए हैं, उनको लेकर निकिता जल्द बात करेंगी। हम दोषी कैसे हैं, हमें तो ये भी नहीं पता कि क्या हुआ है? अंतिम फैसला न्यायालय को करना है। निकिता के वकील ने भी बताया था कि इस मामले में कोर्ट और जज ने कार्यवाही को लेकर भी कोई गलती नहीं की।
Family of #NikitaSinghania
The infamous brother-in-law and mother-in-law. pic.twitter.com/M3h5svutdJ
— ShoneeKapoor (@ShoneeKapoor) December 11, 2024
9 दिसंबर को आत्महत्या की
बता दें कि 9 दिसंबर को 34 वर्षीय सुभाष ने सुसाइड कर लिया था। सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि पत्नी और उसके परिजन प्रताड़ित करते थे। सुभाष ने 24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा था। सुभाष के भाई विकास कुमार ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसमें आरोप लगाया है कि निकिता के परिवार ने कानूनी मामलों को निपटाने के लिए 3 करोड़ की डिमांड की थी। वहीं, 4 साल के बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये मांगे थे।
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सुभाष ने जौनपुर कोर्ट के एक जज पर भी आरोप लगाए थे। दावा किया था कि उनकी मौजूदगी में रिश्वत ली गई। उसे न्याय मिलना चाहिए। न्याय मिलने तक उसकी अस्थियों को विसर्जित न किया जाए। सुभाष ने बेटे की कस्टडी भी अपने माता-पिता को देने की मांग की थी।