Nitish Kumar के खिलाफ हॉर्स ट्रेडिंग! विधायकों को मिला करोड़ों का ऑफर; अपहरण की दी गई धमकी
Bihar CM Nitish Kumar Latest News Update: (अमिताभ ओझा) बिहार में NDA सरकार के विश्वास मत के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े मामले में जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को अहम सुराग हाथ लगे हैं। आर्थिक अपराध इकाई की जांच मे सामने आया है की सरकार को विश्वास मत के दौरान गिराने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग किया गया था। यही नहीं इसके लिए अवैध धन का इंतजाम भी किया गया था। EOU को मिले सबूतों के आधार पर पता लगाया गया है कि अलग-अलग शहरों में बैठे लोग इस खरीद-फरोख्त में शामिल थे। दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल से नीतीश के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी। यह नहीं, कई विधायकों ने एडवांस पैसे भी लिए थे, जिसके सबूत EOU को मिले हैं।
क्या थी पूरी प्लानिंग?
EOU के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लों का कहना है कि हॉर्स ट्रेडिंग के इस केस में हुई जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। कई लोगों की प्लानिंग थी कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार विश्वास मत में हार जाएगी तो विधायकों को ढेर सारे पैसे मिलेंगे। नितिश के खिलाफ मत देने वाले सभी विधायकों को दूसरे राज्यों में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते। हालांकि यह मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। EOU का कहना है कि दलालों ने विधायकों के अपहरण तक की प्लानिंग बना डाली थी। वहीं उन्हें पैसे का लालच देकर अपनी तरफ करने की कोशिश की गई थी।
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि इसी साल फरवरी मे नीतीश कुमार जब महागठबंधन को छोड़कर एनडीए मे वापस आये थे, तो विधानसभा में उन्हें विश्वास मत हासिल करना था। मगर विश्वास मत हासिल करने के एक दिन पहले जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर ने कोतवाली थाना में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। FIR के अनुसार कुछ लोगों ने सुधांशु समेत जेडीयू के कई विधायकों को लालच और धमकी दी थी। उन्हें नीतीश सरकार के खिलाफ वोट देने के लिए कहा गया था।
किस पर लगे थे आरोप?
सुधांशु ने इस FIR में विपक्षी पार्टी आरजेडी का नाम भी लिखवाया था। जेडीयू विधायकों का आरोप था कि उन्हें 10 करोड़ रुपये के अलावा मंत्री पद का ऑफर दिया गया था। इस मामले में जेडीयू के विधायक डॉ संजीव पर भी आरोप लगे थे। आर्थिक अपराध इकाई के इस खुलासे के बाद जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने फिर से दावा किया कि विपक्ष एक बड़ी साजिश रच रहा था। लेकिन वह सफल नहीं रहा। सरकार ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपी थी। EOU मामले में मनी ट्रेल और हवाला की जांच कर रही है। हालांकि ईडी भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है।
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