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बिहार के छह लाख शिक्षकों के लिए सरकारी फरमान, नहीं किया फॉलो तो कट जाएगी सैलरी

Bihar Government Teachers Online Attendance: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही पर सख्त कदम उठाते हुए बिहार सरकार ने नई पहल शुरू की है। इसे फॉलो ना करने वाले शिक्षकों की सैलरी भी कट सकती है।
10:23 AM Aug 29, 2024 IST | Sakshi Pandey
बिहार के छह लाख शिक्षकों के लिए सरकारी फरमान  नहीं किया फॉलो तो कट जाएगी सैलरी

Bihar Government Teachers Online Attendance: सरकारी स्कूलों में टीचर की लापरवाही के किस्से आए दिन खबरों में छाए रहते हैं। हाल ही में गुजरात के सरकारी स्कूलों में टीचर्स की मनमानी की पोल खुली थी। वहीं यूपी-बिहार सरीखे कई राज्यों में सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। हालांकि अब बिहार सरकार ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। अब सभी अध्यापकों को स्कूलों में समय पर हाजिरी लगानी होगी और जो टीचर इन नियमों का पालन नहीं करेगा उन्हें सैलरी भी नहीं मिलेगी।

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शिकायतों पर लिया एक्शन

बता दें कि बिहार के 75,000 स्कूलों में 5.62 लाख से ज्यादा अध्यापक कार्यरत हैं। हालांकि पिछले कई दिनों से सरकार को टीचर्स के समय पर स्कूल ना आने की शिकायतें मिल रही हैं। खासकर बाढ़ग्रस्त इलाकों में टीचर्स ने स्कूलों से पूरी तरह किनारा कर लिया है। सभी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए बिहार के शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में जीपीएस पर आधारित ऑनलाइन अटेंडेंस शुरू की है। 25 जून से ही ट्रायल लेने के लिए कई स्कूलों में ऑनलाइन अटेंडेंस शुरू कर दी गई है। वहीं अक्टूबर से ऑनलाइन अटेंडेंस को सभी टीचर्स के लिए अनिवार्य कर दिया जाएगा।

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80 प्रतिशत शिक्षक रजिटर

खबरों की मानें तो 27 अगस्त तक 4.50 लाख यानी 80 प्रतिशत टीचर्स का नाम ऑनलाइन रजिस्टर हो चुका है। सभी टीचर्स हर रोज ऐप पर ऑनलाइन अटेंडेंस लगाते हैं। इसके लिए बिहार सरकार ने ई-शिक्षाकोश मोबाइल ऐप जारी किया है। इस ऐप पर सभी अध्यापक हाजिरी लगाते हैं। ऐप पर हाजिरी तभी लगाई जा सकती है, जब टीचर स्कूल के 500 मीटर के दायरे में हो। वहीं अगर कोई अध्यापक हाजिरी लगाने के बाद स्कूल से दूर जाता है, तो भी इसकी जानकारी ऐप पर खुद-ब-खुद दिखने लगेगी।

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जीपीएस में है समस्या

हालांकि बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स की मानें तो ट्रायल के दौरान ऑनलाइन अटेंडेंस सिर्फ 70-80 प्रतिशत ही सफल हो सकी है। कई बार जीपीएस ठीक से काम नहीं करता है। एक अध्यापक ने अपना पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि वो स्कूल में पढ़ा रहे थे, लेकिन उनकी लोकेशन स्कूल से 12 किलोमीटर दूर नजर आ रही थी।

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