मीनाक्षी लेखी समेत 3 केंद्रीय मंत्रियों को नहीं मिला टिकट; किस पर दांव लगा रही भाजपा?
BJP First List Analysis For Lok Sabha Election 2024 : आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट शनिवार को जारी कर दी थी। पहली सूची में भगवा दल ने 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित राज्यों के लिए 195 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। इस लिस्ट में 34 मंत्रियों के नाम शामिल हैं। इस रिपोर्ट में जानिए किन केंद्रीय मंत्रियों को भाजपा ने इस बार टिकट न देने का फैसला किया है, उनकी जगह किस पर भरोसा जताया है और इसके पीछे का कारण क्या रहा।
किन मंत्रियों को नहीं मिला टिकट?
जिन केंद्रीय मंत्रियों को टिकट नहीं मिला है उनमें मीनाक्षी लेखी, रामेश्वर तेली और जॉन बारला के नाम शामिल हैं। मीनाक्षी लेखी विदेश राज्य मंत्री हैं। वह फिलहाल सेंट्रल दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद हैं। असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा से सांसद रामेश्वर तेली को भी टिकट नहीं दिया गया है। उनके पास खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय है। इनके अलावा अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला को भी भाजपा ने चुनाव न लड़ाने का फैसला किया है। बारला पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार लोकसभा सीट से सांसद हैं।
इन सीटों पर किसे बनाया प्रत्याशी?
मीनाक्षी लेखी की जगह सेंट्रल दिल्ली सीट से भाजपा ने इस बार बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है। बांसुरी पूर्व केंद्रीय मंत्री (दिवंगत) सुषमा स्वराज की बेटी हैं। डिब्रूगढ़ से केंद्रीय मंत्री और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। सोनोवाल राज्यसभा के सदस्य हैं। अलीपुरद्वार से भाजपा ने मनोज तिग्गा को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। वह मदारीहाट विधानसभा से विधायक हैं। उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव अलीपुरद्वार से ही लड़ा था लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा ने क्यों किया यह बदलाव?
तीन केंद्रीय मंत्रियों को टिकट न मिलने के कारण की बात करें तो रामेश्वर तेली को लेकर डिब्रूगढ़ की जनता में असंतोष की स्थिति मानी जा रही है। इसलिए यहां से भाजपा ने सर्वानंद सोनोवाल पर भरोसा जताया है। रामेश्वर तेली के विरोध में असम में विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं। साल 2009 के चुनाव में डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से सोनोवाल प्रत्याशी थे और जीते भी थे। मीनाक्षी लेखी की बात करें तो चर्चा है कि भाजपा ने उन्हें पूरी तरह से चुनावी दौड़ से बाहर नहीं किया है। माना जा रहा है कि उन्हें चंडीगढ़ से टिकट दिया जा सकता है।
बंगाल में भाजपा की कोशिश अपनी स्थिति मजबूत करने की है। यहां की अलीपुरद्वार सीट पर बारला की जगह तिग्गा को उम्मीदवार बनाने का भाजपा का फैसला थोड़ा हैरान करने वाला है। पिछले लोकसभा चुनाव में बारला ने अलीपुरद्वार सीट से बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी दशरथ तिर्की को 2 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें टिकट न देने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें ऐसी किसी सीट से चुनाव लड़ा सकती है जहां पार्टी की स्थिति थोड़ी कमजोर है।
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