बॉर्नविटा के खिलाफ सरकार का एक्शन, हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी से हटाने का क्यों दिया आदेश?
Bournvita Removal From Health Drink Category: आज के टाइम में बच्चों के खाना खाते समय काफी नखरे होते हैं। उन्हें पौष्टिक खाने की जगह बाहर का जंक फूड ज्यादा ज्यादा पसंद आता है। बच्चे दूध पीने में सबसे ज्यादा नखरे दिखाते हैं, जिस वजह से पेरेंट्स दूध में फ्लेवर लाने के लिए बॉर्नविटा, कॉम्प्लैन या हॉरलिक्स का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे को बॉर्नविटा वाला दूध देते हैं तो यह खबर जरूर जान लें।
मंत्रालय ने हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी से हटाने का दिया आदेश
बॉर्नविटा और दूसरे ड्रिंक या बेवरेज को 'हेल्थ ड्रिंक' न मानते हुए कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय ने इ-कॉमर्स कंपनियों को आदेश दिया कि इन सबको हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी से हटा दिया जाए। मंत्रालय द्वारा एक नोटिफिकेशन में कहा गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी NCPCR ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के अंतर्गत अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि एफएसएस अधिनियम (FSS Act 2006) में हेल्थ ड्रिंक जैसा कुछ नहीं है।
100 gram Bournvita contains 73.1 gram sugar and blatantly calls itself a health drink for children.
But Milaard never said
"We will rip you apart". pic.twitter.com/BOl8y6se1i— BHK🇮🇳 (@BHKslams) April 10, 2024
कई भारतीय अपने बच्चों को बॉर्नविटा यह सोचकर देते हैं कि यह उनकी हेल्थ के लिए फायदेमंद है। केंद्र सरकार द्वारा इसे साफ कर दिया गया है कि बॉर्नविटा हेल्थ ड्रिंक नहीं है।
पहले FSSAI ने भी उठा चुका आवाज
मंत्रालय द्वारा कहा गया कि हेल्थ ड्रिंक्स की कोई परिभाषा नहीं है इसलिए बच्चों को दिए जाने वाले इन मॉल्ट्स (Malts) को ऐसी किसी कैटेगरी में नहीं रखना चाहिए। केंद्र सरकार से पहले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI भी दो अप्रैल को सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से यह कह चुका है कि खाने के सामान को सही कैटेगरी में रखा जाए। FSSAI का रिएक्शन तब आया जब उसने देखा कि कई बेवरेज को ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक कहकर बेचा जा रहा है।
🚨 Indian government asks e-commerce websites to remove drinks including Bournvita from 'Health Drinks'. pic.twitter.com/07ybKAliYd
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) April 13, 2024
पहले भी खूब चर्चा में रहा बॉर्नविटा
NCPCR पहले भी मोंडेलेज इंडिया को बॉर्नविटा से जुड़े 'भ्रामक विज्ञापन' हटाने के लिए कह चुका है। बॉर्नविटा काफी लंबे समय से खुद को हेल्थ ड्रिंक कहता आ रहा है लेकिन पिछले साल फूडफार्मर (Foodpharmer) नाम के एक यूट्यूबर ने बताया था कि इसमें काफी ज्यादा चीनी होती है।
हालांकि, बॉर्नविटा की तरफ से लीगल नोटिस मिलने के बाद यूट्यूबर ने अपने चैनल से यह वीडियो हटा दिया था। यह मामला एनसीपीसीआर की नजर में आने के बाद बॉर्नविटा को अपने विज्ञापन हटाने पड़े थे। आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में कैडबरी ने बॉर्नविटा में चीनी 15 प्रतिशत तक कम कर दी थी। हालांकि, इसे अभी भी हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता।