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दर्द से निकली चीखें, खून से सने कपड़े; गोली लगने पर भी 30KM दौड़ाई बस, 35 श्रद्धालुओं की बचाई जान

Nagpur Bus Driver Saved Pilgrims: नागपुर में लुटेरों ने श्रद्धालुओं से भरी बस को घेर लिया। ड्राइवर को गोली लगी, फिर भी उसने 35 श्रद्धालुओं की जान बचाई। उसने लुटेरों के धमकाने पर भी बस नहीं रोकी, बल्कि उसे दौड़ाता रहा। पुलिस थाने पहुंचकर ड्राइवर बेहोश हो गया, लेकिन उसकी बहादुरी के चर्चे अब देशभर में हो रहे हैं। आप भी जानिए किस्सा...
09:19 AM Mar 12, 2024 IST | Khushbu Goyal
दर्द से निकली चीखें  खून से सने कपड़े  गोली लगने पर भी 30km दौड़ाई बस  35 श्रद्धालुओं की बचाई जान
नागपुर के बस ड्राइवर ने 35 श्रद्धालुओं की जान बचाकर बहादुरी का परिचय दिया।

Brave Bus Driver Saved Pilgrims Life: देश के एक बस ड्राइवर की बहादुरी का किस्सा सुनेंगे तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। करीब 35 श्रद्धालुओं से भरी बस अपने गंतव्य की ओर जा रही थी कि रास्ते में लुटेरों ने घेर लिया। बस नहीं रोकने पर लुटेरों ने फायरिंग की। लगातार हुई फायरिंग में एक गोली बस ड्राइवर की बाजू में लगी, लेकिन उसने बस नहीं रोकी।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिम्मत दिखाते हुए ड्राइवर ने करीब 30 किलोमीटर तक बस दौड़ाई और थाने ले गया। हालांकि इस दौरान ड्राइवर दर्द के मारे चिल्लाता रहा और उसके कपड़े भी खून से सने थे, लेकिन ड्राइवर ने अपनी जान दांव पर लगाकर 35 श्रद्धालुओं की जान बचा ली। ड्राइवर अभी अस्पताल में भर्ती है और उसकी जान खतरे से बाहर बताई जा रही है।

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टोल प्लाजा से पीछे लगी थी बदमाशों की गाड़ी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बहादुरी दिखाने वाले ड्राइवर का नाम सोमदेव कावडे है। कावडे 35 श्रद्धालुओं से भरी बस लेकर अमरावती के अंबे मंदिर से निकले थे और नागपुर वापस लौट रहे थे। जब बस अमरावती-नागपुर हाईवे पर पहुंची तो लुटेरों ने घेर लिया। जब बस नंदगांवपेठ के टोल प्लाजा से गुजरी तो एक गाड़ी बस के पीछे लग गई।

उस गाड़ी ने ओवरटेक करके बस रोकने को कहा, लेकिन कावडे ने बस नहीं रोकी, बल्कि स्पीड से दौड़ा दी। लुटेरों ने पीछे से फायरिंग की। साथ-साथ कार दौड़ाते हुए ड्राइवर पर गोलियां चलाई। एक गोली कावडे की बाजू में लगी। एक बार चीख निकली, लेकिन कावडे ने बस दौड़ाई और नागपुर से 100 किलोमीटर दूर सावदी के पास लुटेरों को चकमा दिया।

लुटेरों ने वारदात अंजाम देने को चुराई थी गाड़ी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कावडे ने बस ने तियोसा के पुलिस स्टेशन में पहुंचाया और इसके बाद वह बेहोश हो गया। पैसेंजरों ने पुलिस अधिकारियों को पूरा मामला बताया। अमरावती पुलिस ने बस को कड़ी सुरक्षा के बीच नंदगांवपेठ पुलिस स्टेशन पहुंचाया, क्योंकि मामले की कार्रवाई वहीं होनी थी।

कावडे को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया गया, जहां उसे प्राथमिक उपचार देकर शहर भेज दिया गया। वहीं पुलिस जांच में पता चला कि बदमाश जिस गाड़ी में सवार होकर आए थे, वह उन्होंने नासिक से चुराई थी और नंबर उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड है। अमरावती पुलिस अब मामले में आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है।

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