मैरिटल रेप पर केंद्र सरकार का बड़ा कदम, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कही ये बात
Central government response to marital rape in Supreme Court: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने की मांग वाली याचिकाओं का विरोध किया है।
बता दें मौजूदा कानून के मुताबिक पत्नी की इच्छा के बगैर जबरन शारीरिक संबंध बनाने पर भी पत्नी अपने पति पर रेप का मुकदमा नहीं कर सकती। सरकार ने कानून में पति को मिली इस छूट का समर्थन किया है।
Centre says Supreme Court can't criminalise marital rape, married women already protected
Read more: https://t.co/mk3LKZS0MM pic.twitter.com/uPkmgQ7AHw
— Bar and Bench (@barandbench) October 3, 2024
पहले से कानून में कई प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने जवाब में केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा है कि इसका मतलब ये नहीं वैवाहिक संबंधों में पत्नी की इच्छा का कोई महत्व नहीं है। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि अगर पत्नी की इच्छा के बिना पति जबरन संबंध बनाता है तो ऐसी सूरत में पति को सजा देने लिए पहले से कानून में कई प्रावधान हैं।
ये भी पढ़ें: 5 भाषाओं को प्रमोट करेगी सरकार, लाखों रेल कर्मियों को दिवाली का तोहफा; केंद्रीय कैबिनेट ने लिए क्या-क्या फैसले?
महिलाओं के लिए संविधान में घरेलू हिंसा कानून
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में स्पष्ट करते हुए बताया कि पति द्वारा पत्नी पर अत्याचार करने की स्थिति में संविधान में घरेलू हिंसा कानून, महिलाओं की गरिमा भंग करने से जुड़े विभिन्न प्रावधान के तहत पति पर केस दर्ज किया जा सकता है। लेकिन इस स्थिति की तुलना उस स्थिति से नहीं की जा सकती जहां बिना वैवाहिक संबंधों के कोई पुरुष जबरन किसी महिला के साथ संबंध बनाता है। सरकार के अनुसार वैवाहिक संबंधों और बिना वैवाहिक के बने ऐसे संबंधों में सजा एक नहीं हो सकती है।
ये भी पढ़ें: ‘कल आप मेरे घर आओगे और पूछोगे कि मैं क्या कर रहा हूं?…’, CJI ने वकील को क्यों लगाई फटकार?