तो टल गया जंग का खतरा? गलवान वैली सहित 4 जगहों से सेनाएं पीछे हटीं, पश्चिमी लद्दाख में तनाव पर चीन का बड़ा दावा
India China Relations: पश्चिमी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच बीजिंग ने नया दावा किया है। चीन ने कहा है कि पश्चिमी लद्दाख में गलवान वैली सहित चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है। चीन का यह बयान उस समय आया है जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ सीमा पर तनाव का मामला 75 फीसदी सुलझा लिया गया है।
ये भी पढ़ेंः 9/11 का आतंकी हमला अंतरिक्ष से कैसा दिखा? NASA ने बरसी पर शेयर की तस्वीर
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत और चीन ने मॉस्को में द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए साथ काम करने पर सहमति जताई है। दरअसल 12 सितंबर को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रूस के सेंट पिट्सबर्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजीत डोवाल के साथ मुलाकात की थी, दोनों देशों ने हालिया बातचीत में सीमा के मुद्दे पर हुई प्रगति की समीक्षा की थी, साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
माओ निंग ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत और चीन की सेनाओं की चार क्षेत्रों से वापसी हुई है। दरअसल माओ से पूछा गया था कि क्या भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को फिर से बहाल करने के लिए कोई पहल हो रही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा के पश्चिमी हिस्से से दोनों देशों की सेनाओं की गलवान घाटी सहित चार क्षेत्रों से वापसी हुई है।
ये भी पढ़ेंः ‘नमाज-अजान के दौरान दुर्गा पूजा न करें हिंदू’; बांग्लादेश की नई सरकार का फरमान
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का यह बयान विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन के साथ सीमा पर तनाव का मुद्दा लगभग 75 प्रतिशत सुलझा लिया गया है। हालांकि जयशंकर ने कहा कि बड़ा मुद्दा यह है कि सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ी है।
जिनेवा में एक थिंक टैंक के साथ बातचीत में एस. जयशंकर ने कहा कि गलवान घाटी में चीन और भारत की सेनाओं के बीच टकराव ने दोनों देशों के संबंधों को सीधे तौर पर प्रभावित किया। विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि सीमा पर हिंसा होती रहे और कोई यह कहे कि बाकी के संबंध इससे परे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन 2020 से ही सैन्य मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं। इस मामले में हमने 75 फीसदी कामयाबी हासिल कर ली है।