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Santa Claus कहां हैं? गूगल ने दिया जवाब और बताया कैसे कर सकते हैं ट्रैक?

Christmas 25 December Santa Clause: क्रिसमस डे पर सांता क्लॉज की कहानी सुनी होगी, लेकिन कभी यह जानने की कोशिश की कि सांता क्लॉज कहां हैं? क्या आप जानते हैं कि सांता क्लॉज को ट्रैक किया जा सकता है? नहीं तो आइए इन सवालों का जवाब जानते हैं...
12:17 PM Dec 21, 2024 IST | Khushbu Goyal
santa claus कहां हैं  गूगल ने दिया जवाब और बताया कैसे कर सकते हैं ट्रैक
सांता क्लॉज को ट्रैक करके उसके बारे में पता लगा सकते हैं।

Where is Santa Clause Know Reply: 25 दिसंबर को क्रिसमस है और बच्चों को उपहारों का इंतजार है। मान्यता है कि 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस पर सांता क्लॉज बच्चों को गिफ्ट बांटते हैं। दुनियाभर के कई देशों में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। कई देशों में यह प्रमुख त्योहार है। भारत में भी इस त्योहार का क्रेज देखने को मिलता है। इस दिन लोग डेकोरेशन करते हैं और बच्चों को तोहफे भेंट करते हैं।

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क्रिसमस पर सांता क्लॉज और उसके द्वारा बच्चों को गिफ्ट बांटने की कहानियां किताबों में ही पढ़ी है, बड़े-बुजुर्गों से ही सुनी है। रियल में सांता क्लॉज को कभी नहीं देखा, लेकिन फिर भी सांता क्लॉज को लेकर पूरी दुनिया में यही मान्यता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर सांता क्लॉज कहां हैं? इसका जवाब NORAD और Google ने दिया है और साथ ही यह भी बताया कि सांता क्लॉज को ट्रैक कैसे कर सकते हैं?

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गलत डायलिंग से अस्तित्व में आए सांता क्लॉज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सांता क्लॉज ट्रैकिंग की शुरुआत 1955 में हुई थी। शीत युद्ध के दौरान एक कॉन्टिनेंटल एयर डिफेंस कमांड (CONAD) हुआ करता था, जो बाद में NORAD बन गया। इस पर अमेरिका के हवाई एरिया की निगरानी करने की जिम्मेदारी था। क्रिसमस के दिन एक गलत छपे सीयर्स विज्ञापन में बच्चों को सांता क्लॉज को सीधे कॉल करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन एक छोटे लड़के ने CONAD के लिए आपातकालीन नंबर डायल कर दिया।

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कॉल का जवाब देने वाले कर्नल हैरी शूप ने शुरू में सोचा कि यह एक शरारत है, लेकिन जब बच्चे ने क्रिसमस पर अपने गिफ्ट की लिस्ट बतानी शुरू की तो उन्हें यह सामान्य कॉल नहीं लगी। बच्चे की बात सुनकर शूप ने दिल से जवाब दिया "हो, हो, हो! हां, मैं सांता क्लॉज़ हूं। क्या तुम एक अच्छे लड़के रहे हो? इसके बाद यही गलती एक परंपरा बन गई। और बच्चों के फोन आने लगे। इस तरह CONAD का एक कर्मचारी उत्तरी अमेरिका में सांता क्लॉज बन गया। उस अधिकारी ने ही सांता क्लॉज बनकर क्रिसमस पर बच्चों को गिफ्ट भेजे और NORAD सांता नामक स्वयंसेवी संस्था बनाई।

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आज NORAD अमेरिका की एक स्वयंसेवी संस्था

बात दें कि NORAD आज भी एक स्वयंसेवी संस्था है। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अमेरिका से इसके वॉलंटियर्स कोलोराडो स्प्रिंग्स में NORAD के मुख्यालय में इकट्ठा होते हैं। बच्चों के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहते हैं। बच्चे पूछते हैं कि सांता मेरे घर कब आ रहा है? क्या मैं शरारती या अच्छे लोगों की सूची में हूं? 63 वर्षीय बॉब सोमर्स, जो सिविलियन कॉन्ट्रैक्टर हैं और NORAD में वॉलंटियर हैं, इन कॉल्स का जवाब देने की खुशी शेयर करते हैं। उन्होंने कहा कि सांता के बारे में पता लगने पर बच्चे चीखते हैं। उनके ठहाके और हंसी होती है।

NORAD सांता की हर हरकत पर नज़र रखने के लिए राडार, सैटेलाइट और सांता की चमकती हुई हिरन की नाक, जो इतनी गर्मी छोड़ती है कि उसे इन्फ्रारेड सेंसर द्वारा ट्रैक किया जा सकता है, का इस्तेमाल करता है। यह प्रक्रिया क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शुरू होती है, जब अलास्का और कनाडा में NORAD के सिस्टम सांता को सबसे पहले उत्तरी ध्रुव से निकलते हुए पहचान लेते हैं। दुनियाभर में NORAD के वॉलंटियर अपडेट देने के लिए तैयार रहते हैं। यह हर साल का हमारा सबसे बड़ा मिशन है।

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समय के साथ ट्रैकर की टेक्नोलॉजी भी बदल गई

एयर फ़ोर्स के लेफ्टिनेंट जनरल केस कनिंघम ने कहते हैं कि NORAD के पास एक ऐप और वेबसाइट है, www.noradsanta.org, जो क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सुबह 4 बजे से आधी रात तक, माउंटेन स्टैंडर्ड टाइम पर सांता को ट्रैक करेगी। लोग 1-877-HI-NORAD पर कॉल करके माउंटेन टाइम के अनुसार सुबह 6 बजे से आधी रात तक सांता क्लॉज़ के बारे में लाइव ऑपरेटर से पूछ सकते हैं। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हुई, वैसे-वैसे सांता को ट्रैक करने के तरीके भी विकसित हुए।

2004 में Google ने NORAD के प्रयासों से प्रेरित होकर अपना खुद का सांता ट्रैकर लॉन्च किया। शुरुआत में Google Earth प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किए जाने के बाद इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई। Google सांता ट्रैकर क्रिसमस की पूर्व संध्या पर काम शुरू करता है। सांता को ट्रैक करने के अलावा Google का सांता ट्रैकर बांटे गए गिफ्ट और उसके द्वारा विजिट किए बए शहरों का अपडेट भी देता है। गूगल की प्रवक्ता सारा केलेहर कहती हैं कि जैसे-जैसे बड़ी रात करीब आ रही है, लाखों बच्चे NORAD और Google के ट्रैकर्स पर नजर बनाए हुए हैं।

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