धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है ये धूमकेतु, जानें कब और किस दिन आसमान में देगा दिखाई?
Comet of the Century: मानसून के बाद जल्द ही शरद ऋतु (Autumn Season) दस्तक देने वाली है। वैसे तो शरद ऋतु मौसम में बदलाव के लिए मशहूर है। इस दौरान देश का तापमान ठंडा होने लगता है। मगर क्या आप जानते हैं कि शरद ऋतु में इस साल कुछ और भी खास होने वाला है? जी हां, शरद ऋतु में ही एक धूमकेतु (Comet) धरती के बिल्कुल नजदीक से होकर गुजरेगा, जिसे 'कॉमेट ऑफ द सेंचुरी' कहा जा रहा है।
धरती से कैसा दिखेगा कॉमेट?
इस धूमकेतु को कॉमेट सी/2023 ए3 नाम दिया गया है। साथ ही इसे त्सुचिनशान-एटलस (Tsuchinschan-ATLAS) भी कहा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के नजदीक आने पर धूमकेतु की पूंछ बेहद खूबसूरत, चमकदार और लंबी होगी। दरअसल धरती सूरज के चक्कर लगाती है, ये तो आप सभी जानते होंगे। वहीं ये धूमकेतु भी सूरज के नजदीक से गुजरने वाला है। वैसे तो इस पर बर्फ की चादर पड़ी है। मगर सूरज के करीब आते ही इसकी बर्फ पिघलने लगेगी और इस पर ढेर सारी धूल जम जाएगी। इसलिए धूमकेतु की पूंछ काफी चमकीली नजर आएगी।
Expectation for the arrival of the “#comet of the century”: what it is and how you can see it. ☄️@marieladediego_ explains👇https://t.co/vsZOr4jZbu
— Meteored | YourWeather (@MeteoredUK) July 22, 2024
2023 से है ताल्लुक
स्पेस ऑब्जर्वेटरी की मानें तो इस धूमकेतु को पहली बार 2023 की शुरुआत में देखा गया था। उस दौरान ये धूमकेतु चीन और दक्षिण अफ्रीका में नजर आया था। यही वजह है कि इसे कॉमेट सी/2023 ए3 कहा गया है। इस साल ये धूमकेतु 12 अक्टूबर को पृथ्वी के करीब से होकर गुजरेगा। इस दिन को इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमी डे यानी अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
खराब होने की आशंका
वैज्ञानिकों का कहना है कि 12 अक्टूबर को धरती के नजदीक आने के साथ इसे आसानी से देखा जा सकेगा। ये बिल्कुल टूटते तारे की तरह चमकदार दिखाई देगा। हालांकि इस बीच अगर धूमकेतु खराब हुआ तो इसकी चमक भी खत्म हो जाएगी। ऐसे में इसे देखना बेहद मुश्किल हो सकता है।
कैसे देख सकेंगे कॉमेट?
इस कॉमेट को देखने के लिए आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खुले आसमान के नीचे हर कोई इसे आसानी से देख सकेगा। अक्टूबर के बाद नवंबर के महीने में भी ये धूमकेतु 4.5-8 मैग्नीट्यूड पर दिखाई देगा। वहीं दिसंबक में ये 8-10 मैग्नीट्यूड पर मौजूद रहेगा। हालांकि 12 अक्टूबर को ही इसे सबसे नजदीक से देखा जा सकेगा।
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