जाति जनगणना के मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी को घेरा, इंदिरा के नारे की क्यों दिलाई याद
Caste Census : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। इस बीच कांग्रेस के अंदर गुटबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने गुरुवार को जाति जनगणना के मुद्दे पर आपत्ति जताई हुए अपनी ही पार्टी को घेरा है। इसे लेकर उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक लंबा पत्र लिखा है।
इस बार चुनाव में कांग्रेस ने राष्ट्रीय जाति जनगणना का मुद्दा उठाया है। इसे लेकर राहुल गांधी ने कहा कि अगर केंद्र में हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले जाति जनगणना कराएंगे। साथ ही वे इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर भी हमला बोलते रहते हैं। इस बीच कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मेरी राय में जाति जनगणना न तो रामबाण साबित हो सकती है और न ही बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान कर सकती है।
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लोकतंत्र के लिए हानिकारक है जाति-धर्म
आनंद शर्मा ने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने जाति जनगणना का इसलिए समर्थन किया है, क्योंकि उन्होंने सिर्फ जाति पर आधारित राजनीति की है। कांग्रेस की नीति सामाजिक न्याय पर आधारित है। पार्टी ने कभी भी जाति को समर्थन नहीं किया है। समाज में लोकतंत्र के लिए क्षेत्र, धर्म, जाति हानिकारक है।
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राजीव गांधी ने जातिवाद का किया था विरोध
उन्होंने अपने पत्र में इंदिरा गांधी के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि जात न पात, हाथ पर लगेगी मुहर। राजीव गांधी ने लोकसभा में कहा था कि अगर देश में जाति को परिभाषित या फिर निर्वाचन क्षेत्रों में जातिवाद को एक मुद्दा बनाया जाएगा तो इससे समस्याएं उत्पन्न होंगी। कांग्रेस इस तरह से देश को विभाजित होते नहीं देख सकती है। आनंद शर्मा ने कहा कि ऐसे मुद्दे से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अनादर हो रहा है।