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30 साल का रिकॉर्ड टूटा; सड़कें बनी दरिया, फसलें डूबी, पेड़-खंभे गिरे...साइक्लोन Fengal पर ताजा अपडेट

Cyclone Fengal: चक्रवाती तूफान फेंगल ने 2 राज्यों में काफी तबाही मचाई। वहीं 5 राज्यों में इसके असर से भारी बारिश हुई और जलभराव के हालात देखने को मिले। मौसम विभाग ने अगले 5 दिन और तूफान का असर बने रहने की संभावना जताई है।
08:28 AM Dec 03, 2024 IST | Khushbu Goyal
30 साल का रिकॉर्ड टूटा  सड़कें बनी दरिया  फसलें डूबी  पेड़ खंभे गिरे   साइक्लोन fengal पर ताजा अपडेट
चक्रवाती तूफान फेंगल। (File Photo)

Cyclone Fengal Latest Update: बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान फेंगल ने पुडुचेरी और तमिलनाडु में काफी तबाही मचाई है। 25 नवंबर को उठा तूफान 30 नवंबर को पुडुचेरी पहुंचा। महाबलीपुरम के बीच समुद्र तट से टकराया। इसके बाद दोनों राज्यों में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसके बाद दोनों राज्यों में जलभराव के हालात देखने को मिले। 3 लोगों की मौत होने की खबर है। तूफान का असर केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के मौसम पर भी पड़ा।

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हालांकि कुछ घंटों में तूफान कमजोर पड़ गया, लेकिन तूफान के असर से पांचों राज्यों में भारी बारिश हुई। अकेले पुडुचेरी में 24 घंटे में 48.4 सेंटीमीटर पानी गिरा, जिससे 30 साल में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश होने का रिकॉर्ड टूट गया। तूफान के कारण चेन्नई एयरपोर्ट तक बंद करना पड़ा। डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स लेट हुईं। कैंसिल भी करनी पड़ी। स्कूल-कॉलेज तक अभी तक बंद हैं। मौसम विभाग ने 7 दिसंबर तक तूफान का असर रहने और बारिश होते रहने की चेतावनी दी है। वहीं हालातों पर राज्य सरकारें लगातार नजर बनाए हुए हैं।

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4 राज्यों में तूफान का सबसे ज्यादा असर

चक्रवाती तूफान फेंगल का सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु पर पड़ा। इसके अलावा केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पुडुचेरी में भी तूफान का कहर टूटा। तमिलनाड़ु के नागपट्टिनम में 800 एकड़ से ज्यादा की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई। मरक्कनम और कोट्टाकुप्पम में 45 से 50 सेंटीमीटर पानी गिरा। कामेश्वरम, विरुंधमावडी, पुडुपल्ली, वेद्रप्पु, वनमादेवी, वल्लपल्लम, कल्लिमेडु, ईरावायल, चेम्बोडी, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और मयिलादुथुराई में स्कूल-कॉलेज बंद रहे। चेन्नई में फ्लाइट्स और ट्रेन सर्विस प्रभावित हुई। बाढ़ संभावित इलाकों में NDRF की 7 टीमें तैनात रहीं। 2 हजार रिलीफ कैंपों में 1500 लोगों को रखा गया।

पुडुचेरी में तूफान के कारण निचले इलाकों में जलभराव हुआ। हादसे न हो, इसलिए सरकार ने बिजली सुविधा बंद कर दी। जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर सड़कों पर गिरे नजर आए। स्कूल-कॉलेज बंद रहे और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया गया। 12 लाख लोगों को अलर्ट मोड में रखा गया था। सेना के जवानों ने 100 से ज्यादा लोगों को बाढ़ग्रस्त एरिया से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, चित्तूर, विशाखापट्टनम और तिरुपति में भारी बारिश हुई। 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलीं। कर्नाटक के उडुपी, चिक्कमगलुरु, चित्रदुर्ग समेत 16 जिलों में बारिश हुई। मछुआरों को समुद तटों से दूर रखा गया।

50 साल में सबसे धीमा चक्रवाती तूफान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने साइक्लोन फेंगल को 50 साल में तमिलनाडु के तट को पार करने वाला सबसे धीमा चक्रवाती तूफान बताया है और इतिहास में यह तूफान रिकॉर्ड हो गया है, क्योंकि इस तूफान ने 500 किलोमीटर का सफर तय करने में 5 दिन ले लिए और यह करीब 9 घंटे तक अपने चरम पर रहा। इसके बाद सुस्त पड़ गया। आमतौर पर चक्रवाती तूफान 10-12 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से प्रतिदिन 250-300 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं, लेकिन फेंगल ने 3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह दूरी तय की।

फेंगल 25 नवंबर को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव बनने के 4 दिन बाद एक्टिव हुआ। ज़मीन पर आने के बाद तूफ़ान 9 घंटे तक स्थिर रहा। तमिलनाडु और पुडुचेरी में रिकॉर्ड तोड़ बारिश में योगदान दिया। ज़्यादातर चक्रवाती तूफान ज़मीन पर आने के बाद तेज़ी से कमज़ोर हो जाते हैं, लेकिन फेंगल ने काफ़ी ताकत बनाए रखी और 9 घंटे तक असर दिखाया। मौसम विज्ञानियों ने तूफान के केंद्र और उसके बादलों के बीच असामान्य अलगाव देखा, जो पश्चिम की ओर बढ़ गया। वहीं इसी अलगाव के कारण तूफान का सिस्टम ज्यादा मजबूत नहीं बना, इसलिए स्पीड स्लो थी।

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