बॉलीवुड नहीं दिखा पाया असली दाऊद इब्राहिम, आखिर कैसा है गैंगस्टर का किरदार? महिला पत्रकार ने किए बड़े खुलासे
Dawood Ibrahim Sheela Bhatt: मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और बॉलीवुड स्टार्स के चहेते बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस हत्या के पीछे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का हाथ है। उसने दो वजह से इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया। एक- अपने दुश्मन सलमान खान और दाऊद इब्राहिम से बाबा सिद्दीकी की करीबी। दूसरा- अंडरवर्ल्ड की दुनिया में दाऊद इब्राहिम को खत्म कर अपना राज चलाना। बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद दाऊद इब्राहिम का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है। कथित तौर पर पाकिस्तान में पनाह लेने वाले दाऊद इब्राहिम को भारत सरकार ने UAPA के तहत आतंकी घोषित किया है। इसके अलावा 2022 में दाऊद इब्राहिम के सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद साल 2003 में दाऊद को वैश्विक आतंकवादी भी घोषित कर चुकी है।
जिंदा है दाऊद इब्राहिम
68 साल के दाऊद को लेकर कई बार खबरें आती हैं कि उसकी मौत हो चुकी है। हालांकि एक महिला पत्रकार का दावा है कि दाऊद जिंदा है। साल 1993 में मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद ने भारत छोड़कर पाकिस्तान में जाकर पनाह ली थी। वह दुबई के रास्ते पाकिस्तान गया था। भगौड़े दाऊद का आखिरी बार चेहरा एक मैग्जीन में नजर आया था। हालांकि वह किस हाल में यह कोई नहीं जानता, लेकिन महिला पत्रकार ने उससे जुड़े कई पहलुओं का खुलासा किया है।
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बिजनेसमैन की तरह अपने आपको करता है पेश
मुंबई में मशहूर क्राइम रिपोर्टर रहीं पत्रकार शीला भट्ट का दावा है कि वह दाऊद इब्राहिम से कई बार मिल चुकी हैं। हालांकि लंबे समय से उन्होंने उससे मुलाकात नहीं की है, लेकिन उनके कई सूत्र आज भी दाऊद से जुड़ी जानकारियां देते रहते हैं। शीला भट्ट ने कुछ समय पहले एक पॉडकास्ट में इस बात का खुलासा किया था कि 1981 से 2002 तक उन्होंने कई बार दाऊद इब्राहिम से बात की थी। उनका कहना है कि जैसा बॉलीवुड मूवीज में दाऊद इब्राहिम को दिखाया जाता है, गैंगस्टर वैसा नहीं है। शीला ने इंटरव्यू के दौरान कहा- जब मैं उससे मिली तो वह एक मंझे हुए बिजनेसमैन की तरह नजर आया। सूट-बूट में उसने इंटरव्यू दिया। उसने मेरे साथ लंच किया और मारवाड़ी या गुजराती बिजनेसमैन की तरह बात की। वह कहीं से भी गैंगस्टर नहीं लग रहा था। हालांकि वह बेहद शातिर दिमाग वाला शख्स है।
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दाऊद मुझे नहीं डरा सकता
शीला ने कहा- दाऊद मुझे नहीं डरा सकता क्योंकि वो मेरा सोर्स रहा है। मैं 1988 में लास्ट उससे मिली हूं। जब मैंने दुबई की पर्ल बिल्डिंग में उसके ऑफिस में उसका इंटरव्यू लिया था। इसके बाद जुलाई 2002 में मैंने 4 घंटे तक उससे बात की थी। इसके बाद हमारी बात बंद हो गई। इससे पहले मैं 1981 में उससे मिली। जब उसके साथ तीन बार लंच लिया। चूंकि मैं जैन हूं तो मेरे साथ लंच करने के लिए दाऊद को भी वेजिटेरियन खाना खाना पड़ा। हालांकि इंटरव्यू उसने कई शर्तों के साथ दिया।
If a film is based on the BIGGEST GANGSTER , no film maker will cast a guy who looks like DAWOOD IBRAHIM or CHOTA RAJAN ..But here , I don’t know a single FILM STAR who is more GOOD LOOKING than B pic.twitter.com/jbZubaTtzY
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) October 15, 2024
हिंदी फिल्म जैसा नहीं दाऊद
शीला भट्ट ने कहा- मैंने दाऊद के ऊपर बनी कई हिंदी फिल्में देखी हैं, लेकिन कह सकती हूं कि वह जैसा है, उसे अब तक कोई भी नहीं दिखा पाया। 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई' फिल्म में इमरान हाशमी के किरदार ने भी दाऊद को सही से प्ले नहीं किया। दाऊद एक व्यापारी टाइप दिखता है। वह टपोरी हिंदी बोलता है और ट्रेडर की तरह बात करता है। उसके पास दुनियाभर की नॉलेज है। वह किसी भी टॉपिक पर आधा घंटे तक भाषण दे सकता है। मैं कह सकती हूं कि वह बहुत अच्छा ट्रेडर रहा है। जब मैंने उसका इंटरव्यू किया था, तब उस वक्त उसके पास 1 हजार करोड़ की संपत्ति थी।
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बहुत बहस करता है दाऊद
शीला भट्ट ने आगे कहा- वह किसी भी विषय पर बहुत बहस करता है। एक ही पॉइंट पर वह कई घंटों तक बात कर सकता है। जब मैंने फोन पर उसका इंटरव्यू लिया, तो वह कई बार कोशिश करता था कि मुझे कंवेंस कर सके कि मुंबई ब्लास्ट में उसका कोई इंवॉल्वमेंट नहीं है। वह ऐसे आर्ग्यूमेंट करता था कि लगता वह लॉयर है या क्रिमिनल।
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दाऊद बहुत इनसिक्योर था
शीला भट्ट ने आगे कहा- मैं उसकी छवि को चमकाने की बात नहीं करती। मैंने हमेशा उसे एक आतंकी के तौर पर ही देखा है। उसके लाख कहने के बावजूद मैंने ऐसा कभी नहीं छापा कि उसका मुंबई ब्लास्ट में कोई इंवॉल्वमेंट नहीं था। इसी के साथ शीला भट्ट ने खुलासा किया कि दाऊद इब्राहिम बहुत इनसिक्योर था। उसे लगता था कि उसे दूसरे गैंग वाले मार देंगे। दरअसल, कई पुलिस वाले उसकी गैंग के लिए काम करते, तो दूसरे उसके दुश्मनों के साथ थे। उसे हमेशा लगता था कि कोई उसका मर्डर कर देगा। मुंबई उसके ऊपर बहुत छाया हुआ था। वह अपने आपको विलेन के रूप में कभी बाहर नहीं आने देना चाहता था।