ओसामा बिन लादेन की फोटो, ISIS का झंडा रखने पर हाईकोर्ट का अहम फैसला
Delhi High Court Important Verdict: दुनिया को सबसे खूंखार आतंकवादी रह चुके ओसामा बिन लादेन की फोटो डाउनोड करना अपराध नहीं है। ISIS के झंडे का फोटो मोबाइल में डाउनलोड करना क्राइम नहीं है। आतंकवादी गतिविधियों की वीडियो फोन में रखना भी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। यह सब चीजें डाउनलोड करने और फोन में रखने से कोई आतंकवादी नहीं बन जाएगा। इसलिए आरोपी को जमानत दी जाती है।
जस्टिस सुरेश कैत और मनोज जैन की पीठ ने IS समर्थक अम्मार अब्दुल रहमान को यह कहते हुए जमानत दे दी कि मोबाइल में आपत्तिजनक सामग्री रखने से किसी का आतंकी संगठन से संबंध साबित नहीं होता है। इसलिए अम्मार को जमानत पर तुरंत रिहा कर दिया जाए। बता दें कि अम्मार अब्दुल रहमान केरल के दिवंगत कांग्रेस विधायक बीएम इदिनब्बा का पोता है।
NIA ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध किया
बता दें कि हाईकोर्ट ने गत 10 अप्रैल को जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे बीते दिन 6 मई को सुनाया गया, जो आरोपी के हक में आया। जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि मोबाइल में ओसामा बिन लादेन और ISIS के झंडे की फोटो होने का मतलब यह नहीं कि वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन का सदस्य है। आतंकवाद से जुड़ी कई चीजें यूट्यूब पर, गूगल पर ओपनली उपलब्ध हैं, जिन्हें कोई भी डाउनलोड कर सकता है। हालांकि NIA ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध किया, लेकिन हाईकोर्ट ने NIA के सबूतों को नाकाफी बताया और रहमान को रिहा करने का आदेश दिया।
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अगस्त 2021 में गिरफ्तार हुआ था रहमान
बता दें कि NIA ने अम्मार अब्दुल रहमान पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाते हुए UAPA की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। NIA ने अगस्त 2021 में रहमान पर कट्टरपंथी होने का आरोप लगाते हुए उसे गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ IPC की धारा 120बी और UAPA की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। NIA ने रहमान पर आरोप लगाया कि वह देश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन के संपर्क में है। वह आतंकी गतिविधियों में शामिल होता है। उसके मोबाइल में आपत्तिजनक और आतंकवाद से जुड़ी चीजें मिली हैं। इसमें ओसामा बिन लादेन की फोटो भी है।
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