ध्वजारोहण, झंडा फहराना नहीं; 15 अगस्त से पहले जान लें दोनों में क्या है अंतर?
Difference Between Flag Unfurling and Flag Hoisting: कल देश में आजादी का महापर्व मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तड़के सुबह ही लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण करते हुए देश को संबोधित करेंगे। हालांकि आज हम आपको तिरंगे से जुड़ा एक दिलचस्प फैक्ट बताने जा रहे हैं। आपने अक्सर ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने जैसे शब्द सुने होंगे। मगर क्या आप इनके बीच का अंतर जानते हैं?
क्या होता है ध्वजारोहण?
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से आपने प्रधानमंत्री को ध्वजारोहण करते देखा होगा। जी हां, अगर तिरंगा झंडा किसी पोल से बंधा हो और उसे रस्सी की मदद से खींच कर खोला जाए, तो इसे ध्वजारोहण यानी Flag Hoisting कहा जाता है। कई बार तिरंगे के अंदर फूल भी रखे जाते हैं। ऐसे में ध्वाजरोहण करने पर झंडा खुलता है और इसमें से फूल झड़ने लगते हैं।
तिरंगा फहराने का मतलब
तिरंगा फहराना और लहराना दोनों एक ही शब्द है। 15 अगस्त पर कई लोग हाथ में तिरंगा लेकर इसे दाएं-बाएं लहराते हैं। इसे ही झंडा फहराना यानी Flag Unfurling कहते हैं। 15 अगस्ते के अलावा 26 जनवरी को भी कई लोग तिरंगा फहराते नजर आते हैं।
लाल किले से क्यों होता है ध्वजारोहण?
15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं तो 26 जनवरी को कर्तव्यपथ (राजपथ) पर राष्ट्रपति के द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले से ही क्यों ध्वजारोहण करते है? दरअसल लाल किला सदियों से देश की सियासत का केंद्र रहा है। मुगल काल से लेकर अंग्रेजी हुकूमत तक लाल किला हमेशा से ताकत का प्रतीक है। 1857 की क्रांति का आगाज भी इसे किले से हुआ था। यही वजह है कि आज भी आजादी के जश्न का आगाज लाल किले की प्राचीर से किया जाता है।
यह भी पढ़ें- भारत ही नहीं, अमेरिका समेत ये देश भी मनाते हैं आजादी का जश्न, यहां देखें लिस्ट