3 महीने में 11 जवान शहीद..10 नागरिक मारे गए, जानें कितने आतंकी पहुंचे जहन्नुम?
Kathua Reasi Encounter: जम्मू कश्मीर में नए साल की शुरुआत के बाद से ही आतंकी हमलों में इजाफा हुआ है। पहले कश्मीर में आतंकी हमले होते थे, लेकिन अब आतंकी जम्मू के इलाकों में भी सक्रिय होने लगे हैं। सोमवार को जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकी हमला हुआ था। जिसमें भारतीय सेना के चार जवानों को बलिदान देना पड़ा। आखिर इन आतंकी हमलों के बढ़ने की वजह कोई खास रणनीति तो नहीं है? सेना लगातार पाकिस्तान की हरकतों को लेकर जांच में जुटी है। एक जनवरी 2024 से अब तक की बात करें, तो सेना के एक कैप्टन समेत 12 जवानों की शहादत हो चुकी है। वहीं, 10 आम नागरिक भी आतंकी हमलों में मारे गए हैं। वहीं, कुल 55 लोग आतंकियों का कायराना हरकतों के कारण घायल हुए हैं।
जम्मू के पास एनकाउंटर में ढेर हुए थे 5 आतंकी
जम्मू के आसपास के इलाकों में 5 आतंकियों को सेना जहन्नुम पहुंचा चुकी है। पिछले 32 महीनों की बात करें तो आतंकी हमलों में 48 जवान शहीद हुए हैं। 15 जुलाई को डोडा में एक अधिकारी के अलावा 4 जवानों ने देश के लिए कुर्बानी दी है। कठुआ में 8 जुलाई को सेना के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था। जिसमें 5 जवान शहीद हुए थे। घात लगाकर किए गए इस हमले में इतने ही लोग घायल हुए थे। 7 जुलाई को एक सुरक्षा चौकी पर आतंकियों ने हमला किया था। जिसमें एक जवान घायल हो गया था। कुलगाम में सेना का आतंकियों से दोहरा मुकाबला हुआ था, जिसमें 6 आतंकी मारे गए थे। वहीं, दो आम नागरिक भी आतंकियों का शिकार बने थे। 6 जून को डोडा के जंगली इलाके में घिरने के बाद 3 विदेशी आतंकियों को सेना ने मार गिराया था। 12 जून को डोडा जिले में आतंकियों ने एक पुलिसकर्मी पर अटैक किया था।
We all Salute for your supreme sacrifice for us in #Doda encounter.
Captain Brijesh Thapa
Naik D Rajesh
Sepoy Bijendra
Sepoy Ajay🇮🇳.
Birju we are proud of you, Rest in Peace. pic.twitter.com/UvHk42GJ7x— Manish Prasad (@manishindiatv) July 16, 2024
11/12 जून को आतंकियों ने सीआरपीएफ की चौकी को निशाना बनाया था। जिसमें जवान शहीद हो गया था। अच्छी बात यह रही कि दोनों आतंकी मारे गए थे। डोडा में आतंकियों के हमले में आरआर के पांच जवानों के अलावा 1 एसपीओ भी घायल हो गए थे। आतंकियों ने 9 जून को रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर हमला किया था। जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 42 लोग घायल हुए थे। 4 मई को भी आतंकियों ने वायुसेना के काफिले पर अटैक किया था। जिसमें एक कर्मी शहीद हुए थे। 5 लोगों को चोटें लगी थीं। 28 अप्रैल को मुठभेड़ में एक ग्राम रक्षा गार्ड की जान चली गई थी। 22 अप्रैल को आतंकियों ने सरकारी कर्मचारी को मौत के घाट उतार दिया था।