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Dry Ice नॉर्मल बर्फ से कितनी अलग? खाने से क्यों निकला मुंह से खून, 8 पॉइंट में समझें गणित

Dry Ice Mouth Freshener Controversy: माउथ फ्रेशनर समझकर जिस ड्राई आइस को लोग खा गए, वह कैसे बनती है और इतनी खतरनाक क्यों होती है? इसका गणित समझेंगे तो पता चलेगा कि बर्फ जैसी दिखने वाली आइस खाकर आखिर लोगों के मुंह से खून क्यों निकलने लगा? आइए जानते हैं कि ड्राई आइस नॉर्मल बर्फ से कितनी अलग है?
12:53 PM Mar 05, 2024 IST | Khushbu Goyal
dry ice नॉर्मल बर्फ से कितनी अलग  खाने से क्यों निकला मुंह से खून  8 पॉइंट में समझें गणित
Dry Ice

Gurugram Restaurant Mouth Freshener Controversy: गुरुग्राम में सेक्टर 90 में खुले लाफोर्सस्टा कैफे में 5 लोगों का ग्रुप डिनर करने गया। खाना खाने के बाद उन्होंने वेटर से माउथ फ्रेशनर मांगी। वेटर ने उन्हें ड्राई आइस दे दी, जिसे वे लोग माउथ फ्रेशनर समझकर खा गए।

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इसके बाद उनकी जो हालत हुई देखकर लोगों को होश उड़ गए। रेस्टोरेंट स्टाफ समेत वेटर के हाथ-पैर फूल गए। जिन लोगों ने ड्राई आइए खाई थी, उनके मुंह में जलन होने लगी। खून निकलने लगा। चक्कर आने लगे और दिन घबराने लगा। आनन फानन में उन्हें आरवी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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वेटर ने गलती से दे दी थी ड्राई आइस

पीड़ितों की पहचान नेहा सबरवाल, मनिका गोयनका, प्रितिका रस्तोगी, दीपक अरोड़ा और हिमानी के रूप में हुई। उनके साथ आए अंकित ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर आकर उस पैकेट को कब्जे में लिया, जिसमें से ड्राई आइस निकालकर दी गई थी।

फॉरेंसिंग जांच में पता चला कि वेटर ने माउथ फ्रेशनर के बजाय सच में उन्हें ड्राई आइस दे दी थी, जो खतरनाक साबित हुई। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने मामले में पुलिस को सहयोग किया और अपने बयान दर्ज कराते हुए बताया कि वेटर ने जानबूझकर कुछ नहीं किया। उससे गलती में उन्हें ड्राई आइस दी गई।

ड्राई आइस को बारे में खास बातें...

  • ड्राई आइस सामान्य बर्फ जैसी दिखती है, लेकिन यह गीली नहीं होती, बल्कि पूरी तरह सूखी होती है।
  • नॉर्मल बर्फ पानी जमने से बनती है, लेकिन ड्राई आइस कार्बन-डाई-ऑक्साइड का ठोस रूप होती है।
  • नॉर्मल बर्फ का तापमान माइनस 2-3 डिग्री होता है, लेकिन ड्राई आइस का तापमान माइनस 80 डिग्री होता है।
  • नॉर्मल बर्फ तापमान बढ़ने पर पिघलकर पानी बन जाती है, लेकिन ड्राई आइस पिघलने की बजाय धुआं बन जाती है।
  • ड्राई आइस इतनी ठंडी होती है कि उंगलियां तक चिपक जाती हैं। इसलिए इसे छूने से भी मना किया जाता है।
  • ड्राई आइस से गैस निकलती रहती है। इसमें ब्लास्ट तक हो सकता है। इसे एयर टाइट बॉक्स में नहीं रखना चाहिए।
  • कार्बन-डाई-ऑक्साइड को 109 डिग्री फारनेहाइट तक ठंडा करके बनाया जाता है, जिससे गैस ठोस हो जाती है।
  • शादी-समारोहों, पर्टियों और फिल्मों आदि में स्टेज पर जो धुआं उड़ रहा होता है, वह ड्राई आइस का कमाल होता है।
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