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Gaganyaan मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में कोई महिला क्यों नहीं? ISRO चीफ ने बताई वजह

Gaganyaan Mission Astronauts Name Revealed: इसरो ने गगनयान मिशन के लिए 4 पुरुषों को सेलेक्ट किया है, लेकिन इनमें कोई महिला क्यों नहीं है? इस सवाल का जवाब देते हुए इसरो चीफ ने मिशन के लिए महिलाओं को नहीं चुनने की वजह बताई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मिशन को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
05:39 PM Feb 27, 2024 IST | Khushbu Goyal
gaganyaan मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में कोई महिला क्यों नहीं  isro चीफ ने बताई वजह
गगनयान मिशन 2025 का हिस्सा बने चारों अंतरिक्ष यात्री।

Gaganyaan Mission Astronauts Indian Air Force Pilots: गगनयान मिशन पर भेजे जाने वाले 4 अंतरिक्ष यात्रियों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया से रूबरू कराया। तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में आज प्रधानमंत्री मोदी ने चारों अंतरिक्ष यात्रियों से मुलाकात की।

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इनके नाम ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। चारों की ट्रेनिंग चल रही है और साल 2025 में इन्हें गगनयान मिशन पर भेजा जाना है। वहीं आज जब इसरो चीफ एस सोमनाथ कार्यक्रम के दौरान मीडिया से रूबरू हुए तो उनसे सवाल पूछा गया कि चारों अंतरिक्ष यात्रियों में कोई महिला नहीं है, आखिर ऐसा क्यों?

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महिलाओं को हिस्सा बनाकर बहुत खुशी होगी

इसरो चीफ से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि अंतरिक्ष की दुनिया में कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स का नाम खास तौर पर लिया जाता है। दोनों का भारत से कनेक्शन है और दोनों दुनियाभर के अंतिरक्ष यात्रियों के लिए मिसाल हैं तो फिर गगनयान मिशन के लिए किसी महिला को क्यों नहीं चुना गया?

इसके जवाब में इसरो चीफ ने बताया कि हमें खुशी होगी, अगर कोई महिला देश के किसी भी स्पेस मिशन का हिस्सा बनना चाहेगी। दरअसल, गगनयान मिशन के लिए किसी महिला पायलट ने नॉमिनेशन नहीं किया था। इसलिए महिलाएं इस मिशन का हिस्सा नहीं बन पाई, लेकिन इसरो चाहता है कि महिलाएं भी देश के स्पेस मिशन पर जाने के आगे आएं। कल्पना और सुनीता की तरह देश का नाम रोशन करें।

40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा

वहीं कार्यक्रम में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश के अंतरिक्ष मिशनों में महिला वैज्ञानिकों का खास योगदान रहता है। उनके बिना न तो चंद्रयान मिशन था और न ही गगनयान मिशन संभव होगा। मिशन के लिए चुने गए चारों अंतरिक्ष यात्री सिर्फ 4 नाम या 4 लोग नहीं हैं, बल्कि वे 4 शक्तियां हैं, जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाएंगी। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, अंतर इतना है कि इस बार मिशन, समय, उलटी गिनती और रॉकेट हमारा खुद का है। विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे।

मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ खर्च होंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गगनयान मिशन भारत द्वारा शुरू किया गया, अब तक का सबसे महंगा वैज्ञानिक मिशन है और इस पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है। इस मिशन से कई गेम-चेंजिंग टेक्नोलॉजी को विकसित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। मिशन सफल होने पर भारत स्वदेश निर्मित रॉकेट से किसी अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक यह उपलब्धि केवल अमेरिका, चीन और सोवियत रूस के नाम है।

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