होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

पन्नूं केस में अमेरिकी राजदूत की 'रेड लाइन' पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, बताया भारत का रुख

Jaishankar on US Ambassador's Statement in Pannu Case: खलिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की साजिश के कथित मामले में अमेरिका और भारत मिलकर जांच जरूर कर रहे हैं लेकिन दोनों के बीच विरोधाभास साफ देखने को मिल रहा है।
10:39 AM Apr 01, 2024 IST | Gaurav Pandey
US Ambassador Eric Garcetti And MEA S Jaishankar
Advertisement

भारत के लिए अमेरिका के राजदूत एरिक गारसेटी ने हाल ही में खलिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की कोशिश के कथित मामले को लेकर बात की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका और भारत इसकी जांच में मिलकर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि रेड लाइन क्रॉस नहीं करनी चाहिए और किसी विदेशी नागरिक की हत्या की कोशिश में कोई देश या किसी देश के कर्मचारी की संलिप्तता स्वीकार नहीं की जा सकती है। वहीं, इसे लेकर अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान आया है।

Advertisement

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार जयशंकर ने कहा कि एक राजदूत के तौर पर गारसेटी जो कहते या सोचते हैं वह उनकी सरकार की स्थिति बताता है। हमारी स्थिति इसे लेकर अलग है। जयशंकर ने आगे कहा कि इस मामले में हमारी सरकार का रुख यह है कि हमें कुछ अहम जानकारी मिली है जिसकी हम जांच कर रहे हैं। बता दें कि गारसेटी ने कहा था कि कोई भी सरकार या उसका कर्मचारी अपने ही नागरिक की हत्या में शामिल नहीं हो सकता है। यह एक ऐसी 'रेड लाइन' है जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।

Advertisement

'कच्चातिवु द्वीप के लिए कांग्रेस जिम्मेदार'

इसके अलावा कच्चातिवु द्वीप को लेकर भी जयशंकर ने बात की। उन्होंने कहा कि यह 1958 और 1960 की बात है। इस मामले में मुख्य लोग यह चाहते थे कि हमें कम से कम मछली के शिकार की अनुमति मिलनी चाहिए। यह द्वीप 1974 में और फिशिंग का अधिकार 1976 में चला गया था। देश की तत्कालीन सरकार और प्रधानमंत्रियों को इसकी परवाह नहीं थी। जयशंकर ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में कहा था कि मैं इस छोटे से द्वीप को जरा भी महत्व नहीं देता और इस पर अपना दावा छोड़ने में बिल्कुल झिझक नहीं होगी।

Open in App
Advertisement
Tags :
Gurpatwant Singh PannunIndia US NewsS Jaishankar
Advertisement
Advertisement