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दिल्ली पुलिस ने कैसे लगाया 2000 करोड़ की कोकेन का पता? किराये की कार में लगी इस डिवाइस ने पहुंचाया ठिकाने पर

Cocaine Drug Cartel in Delhi: दिल्ली पुलिस को 1 अक्टूबर की गिरफ्तारी में पकड़े गए सफी ने बताया था कि वह ड्रग्स की खेप लेकर हापुड़ आया था। सफी से मिले इनपुट पर ही पुलिस ने एक्शन लिया और गाजियाबाद पहुंची, जहां की एक गोदाम में ड्रग्स का माल रखा गया था।
07:44 AM Oct 13, 2024 IST | Nandlal Sharma
बीते 15 दिनों में दिल्ली पुलिस ने 700 किलोग्राम से ज्यादा ड्रग्स बरामद की है।
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Cocaine Drug Cartel in Delhi: दिल्ली के रमेशनगर में 2000 करोड़ रुपये के 208 किलो ड्रग्स का भंडाफोड़ तस्करों की कार में लगे जीपीएस ने ही किया। ये कार किराए पर ली गई थी और इसी कार के जरिए गाजियाबाद से माल को पश्चिमी दिल्ली के गोदाम तक पहुंचाया गया था। कार में जीपीएस लगा हुआ था, लेकिन तस्करों को ये पता नहीं था कि कार ट्रैक हो रही है।

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जैसे ही पुलिस को ये बात पता चली उसने गाजियाबाद की गोदाम पर धावा बोला और सीसीटीवी के जरिए कार को चेक किया। इसके बाद कार और ट्रांसपोर्टर को पकड़ा। इसके लिए पुलिस ने कार के जीपीएस रूट को ही फॉलो किया।

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कार का जीपीसी रूट पुलिस को सीधे रमेशनगर की गोदाम में ले गया, जहां 2000 करोड़ की 208 किलो ड्रग्स रखी हुई थी। इस रैकेट में पुलिस ने अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम पर तुषार गोयल, औरंगजेब सिद्दीकी, हिमांशु कुमार, भरत जैन, जस्सी उर्फ जितेंद्र, ए. सफी और मोहम्मद अखलाक हैं। पुलिस के मुताबिक इस रैकेट का मास्टरमाइंड वीरेंदर बसोया अभी पकड़ा नहीं गया है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।

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पुलिस ने कैसे पकड़ा गोदाम

तमिलनाडु के सफी से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि वह ड्रग्स की खेप लेकर हापुड़ आया था। वहां से सफी और अखलाक ने कथित तौर पर ड्रग्स को गाजियाबाद के गोदाम में पहुंचाया गया। जब पुलिस गोदाम में पहुंची तो उसने पाया कि एक एमबीए ग्रेजुएट ने उसे किराए पर ले रखा था। पुलिस को पता चला कि वह एक फॉर्मा कंपनी में काम करती है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि इसी एमबीए ग्रेजुएट ने बताया कि चार लोग थे, जिन्होंने गाजियाबाद के गोदाम से माल को अलग-अलग लोड किया था। इनमें दो जस्सी और गोयल थे। बाकी दो, ब्रिटेन का रहने वाला सविंदर सिंह और सफी थे।

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दवा कंपनी के नाम पर गंदा धंधा

इसके बाद पुलिस ने गोदाम की सीसीटीवी चेक की और पाया कि सविंदर और सफी मौजूद हैं। पुलिस ने फुटेज में एक अर्टिगा कार भी देखी और इसी कार ने पुलिस को ट्रांसपोर्टर के पास पहुंचाया। दरअसल अखलाक ने ट्रांसपोर्ट के पास से कार किराए पर ली थी, इसी कार के जरिए ड्रग्स की खेप को गाजियाबाद से दिल्ली के रमेशनगर पहुंचाया गया था। कार में जीपीसी ट्रैकर लगा हुआ था, जिसके बारे में तस्करों को पता नहीं था।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ड्रग्स की खेप को स्टोर करने और उसे लाने ले जाने में बहुत सारे लोग संलिप्त हैं। इनका संबंध साउथ इंडिया से लेकर दिल्ली तक है। इन लोगों को लगा था कि शायद फार्मा कंपनी का दवा से जुड़ा कोई सामान है। इन लोगों को खच्चर खाते के जरिए हर महीने की सैलरी दी गई थी। पुलिस ने कहा कि वह कार्टेल के उन कर्मचारियों को ढूंढ़ रही है, जो कथित दवा कंपनी के लिए काम करते थे।

15 दिनों में 770 किलोग्राम ड्रग्स बरामद

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पिछले 15 दिनों में 770 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया है, जिसे दो हिस्सों में ट्रांसपोर्ट किया गया था। पहले 562 किलोग्राम और फिर 208 किलोग्राम। दिल्ली स्थित गोदाम में रखने से पहले तस्करों ने इसे गाजियाबाद के एक गोदाम में रखा हुआ था।

पुलिस ने कहा कि 1 अक्टूबर को महिपालपुर में पहले 562 किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई थी और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें गोयल भी शामिल था, जो दिल्ली का डिस्ट्रीब्यूटर है और बसोया का लंबे समय से दोस्त है। अगस्त महीने से ही पुलिस गोयल को ट्रैक कर रही थी।

बसोया ने ड्रग्स को गोदाम में रखवाने की जिम्मेदारी जस्सी को दी थी, जोकि ब्रिटेन का रहने वाला है। 3 अक्टूबर को जस्सी को पुलिस ने अमृतसर एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। जस्सी अमृतसर से लंदन के लिए फरार होने वाला था।

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Delhi Police News
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