whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Success Story: 100 साल पुरानी कंपनी, करोड़ों में कमाई; पारले जी कैसे बना दुनिया का नंबर-1 बिस्किट?

Success Story Parle-G Biscuit: पारले जी...नाम से कई लोगों के बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं। 2 रुपये में छोटा-सा पैकेट तो 4 रुपये में पारले जी का बड़ा पैकेट मिलता था, मगर क्या आप जानते हैं कि पारले जी आज भी न सिर्फ देश, बल्कि दुनिया का सबसे ज्यादा खाया जाने वाला बिस्किट है।
06:05 AM Jul 23, 2024 IST | Sakshi Pandey
success story  100 साल पुरानी कंपनी  करोड़ों में कमाई  पारले जी कैसे बना दुनिया का नंबर 1 बिस्किट

Success Story Parle-G Biscuit: "रोको मत, टोको मत...सोचने दो इन्हें सोचने दो, मुश्किलों के हल खोजने दो। निकलने तो दो आसमां से जुड़ेंगे, अरे अंडे के अंदर ही कैसे उड़ेंगे यार। बचपन से बड़ा कोई स्कूल नहीं और उत्सुकता से बड़ी कोई टीचर नहीं...पारले जी आओ बनाएं कल के जीनियस।" टीवी पर आने वाले इस विज्ञापन से तो आप सभी वाकिफ होंगे। आखिर सभी का बचपन पारले जी के साथ जो बीता है। बिस्किट का जिक्र आते ही बच्चों से लेकर बड़ों तक की जुबां पर पारले जी का नाम सबसे पहले आता है तो आइए आज हम आपको पारले जी से जुड़ी एक मजेदार कहानी सुनाते हैं।

Advertisement

कब हुई पारले जी की शुरुआत?

पारले जी बिस्किट की नींव स्वदेशी आंदोलन के दौरान रखी गई थी। मोहनलाल दयाल एक चॉकलेट कंपनी शुरू करना चाहते थे, मगर बाद में उन्होंने बिस्किट बनाने की सोची। दरअसल 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत के साथ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार होने लगा था। उस समय बिस्किट को अमीरों का स्नैक्स माना जाता था। अंग्रेजी हुकूमत के अधिकारी और देश के राजा-महाराजा ही बिस्किट खरीदकर खा सकते थे। ऐसे में मोहनलाल दयाल ने स्वदेशी बिस्किट बनाने की ठानी और पारले जी पूरे देश में पॉपुलर हो गया।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Parle-G (@officialparleg)

Advertisement

कैसे पड़ा नाम?

पारले जी के नाम से जुड़ी कहानी भी काफी दिलचस्प है। मोहनलाल दयाल ने पारले जी कंपनी की शुरुआत करने के लिए मुंबई का एक एरिया चुना। उन्होंने विले पारले इलाके में बिस्किट की फैक्ट्री खोली। इसी जगह के नाम पर उन्होंने अपने बिस्किट का नाम 'पारले' रखा। बाद में पारले बिस्किट 'पारले ग्लूको' बन गया। कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रैटजी के तहत पारले बिस्किट को ग्लूकोस का सोर्स बताने के लिए इसके नाम के पीछे ग्लूको जोड़ दिया। कुछ समय बाद ग्लूको हटाकर 'जी' जोड़ा गया और जी का मतलब तो आप सभी जानते ही होंगे। 'पारले जी...जी फॉर जीनियस।'

Advertisement

दुनिया का नंबर 1 बिस्किट

2011 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पारले जी दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट है। पारले जी फैक्ट्री शुरू करने के लिए जर्मनी से 60 हजार रुपये की मशीन आई और 12 कर्मचारियों की मदद से पारले जी बिस्किट बनकर तैयार हुआ। कुछ ही समय में पारले जी देश का सबसे ज्यादा खाया जाने वाला बिस्किट बन गया। 1938 में पारले जी बिस्किट दुनिया के सामने आया। आपको जानकर हैरानी होगी कि न सिर्फ भारत में, बल्कि चीन में भी पारले जी सबसे ज्यादा खाया जाने वाला बिस्किट है।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Parle-G (@officialparleg)

पारले जी की नेटवर्थ

पारले जी ने कई बड़े ब्रांड्स को भी पीछे छोड़ दिया है। 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पारले जी ने पिछले 2 साल में 8000 करोड़ रुपये के बिस्किट बेचे थे। मोनेको, क्रैकजैक, मिलानो और हाइड एंड सीक जैसे कई बिस्किट पारले कंपनी के ही हैं। भारत के अलावा 6 देशों में पारले जी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। लिस्ट में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का नाम शामिल है। फोर्ब्स 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, पारले जी कंपनी के मालिक विजय चौहान की नेटवर्थ 5.5 बिलियन डॉलर यानी 45.579 करोड़ रुपये है।

पारले जी पर बनी लड़की कौन?

पारले जी बिस्किट के पैकेट पर एक छोटी बच्ची की फोटो से तो आप अच्छी तरह से वाकिफ होंगे, मगर क्या आप जानते हैं कि यह बच्ची वास्तव में कौन है? कई लोगों ने दावा किया था कि यह बच्ची कोई और नहीं, बल्कि इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति हैं। हालांकि यह दावा गलत था। यह एक काल्पनिक बच्ची है, जिसे ग्राफिक की मदद से डिजाइन किया गया।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Parle-G (@officialparleg)

यह भी पढ़ें- माइक्रोसॉफ्ट ने बिल गेट्स को कैसे बनाया दुनिया का सबसे अमीर आदमी?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो