PM Kusum Yojana के नाम पर आपसे तो नहीं हुई धोखाधड़ी, फर्जी वेबसाइटों की ऐसे करें पहचान
Kusum Yojana Fraud Cases: ग्रामीण इलाकों में बिजली की पहुंच को आसान बनाने के लिए ही 2019 में पीएम कुसुम योजना को शुरू किया गया था। 3 घटकों के साथ शुरू हुई योजना में किसानों को सोलर पैनल दिए जाते हैं। किसान इन सोलर पैनलों को अपनी जमीन पर लगाता है और सिंचाई आदि के कामों में लाभ लेता है। कई ग्रामीण इलाकों में बिजली आदि की समस्या गहरा गई थी। किसानों को कृषि में दोहरा घाटा उठाना पड़ रहा था। लेकिन खेती और अन्य कार्यों के लिए यह योजना संजीवनी का काम कर रही है। केंद्र सरकार का प्रयास है कि गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 2030 तक बिजली की स्थापित क्षमता को 40 प्रतिशत से अधिक किया जाए।
किसानों को दिया जा रहा सब्सिडी का लाभ
सोलर पैनलों में अच्छी सब्सिडी भी सरकार मुहैया करवा रही है। लेकिन बड़ी बात नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को पता लगी थी। मंत्रालय के संज्ञान में आया था कि कई फर्जी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लीकेशंस के जरिए आवेदकों को चूना लगाया जा रहा है। यानी प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के नाम पर किसानों से ऑनलाइन भुगतान पंजीकरण शुल्क के तौर पर लिया जा रहा है। पंप की कीमत ठग फर्जी वेबसाइटों से ऑनलाइन भरने को कह रहे हैं। जिसके बाद ठगी से बचने के लिए सरकार ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे।
मंत्रालय के अनुसार कुछ फर्जी वेबसाइट डोमेन नाम * .org, * .in, * .com आदि में पंजीकृत मिली हैं। जैसे www.kusumyojanaonline.in.net, www.pmkisankusumyojana.co.in, www.onlinekusamyojana.org.in, www.pmkisankusumyojana.com जैसी कई वेबसाइट्स बनाई गई हैं। अगर आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाते हैं तो वहां सीधा नोटिस मिल जाता है। जहां फर्जीवाड़े से बचने की सलाह दी गई है। मंत्रालय के अनुसार ऑनलाइन भुगतान की मांग करने वाली साइटें फर्जी हैं। ऑनलाइन भुगतान करने से बचें।
असली वेबसाइट (https://mnre.gov.in/) पर जाने के लिए यहां क्लिक करें। ज्यादा जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 पर संपर्क करें।