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HRA में करते हैं झोल तो जरूर पढ़ें ये खबर, कुछ पैसे बचाने की कोशिश पड़ सकती है बहुत भारी

Fake HRA Receipt Scam: टैक्स में छूट पाने के लिए कर्मचारियों का फर्जी किराये की फर्जी रसीद लगाने का काम काफी समय से चलता आ रहा है। लेकिन ऐसा करना असल में अपराध है और ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर आप बड़े संकट में फंस सकते हैं। जानिए ऐसा करने पर पकड़े गए तो क्या सजा मिल सकती है और इससे बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
02:38 PM Mar 30, 2024 IST | Gaurav Pandey
hra में करते हैं झोल तो जरूर पढ़ें ये खबर  कुछ पैसे बचाने की कोशिश पड़ सकती है बहुत भारी
Representative Image (Pixabay)

HRA Fraud :  लोग टैक्स बचाने के लिए और एचआरए (हाउसिंग रेंट अलाउंस बचाने के लिए घर के किराये की फर्जी रसीदें लगा देते हैं। लेकिन, ऐसा करना अपराध है और पकड़े जाने पर सजा भी हो सकती है। इन फर्जी रसीदों में किराये की राशि असलियत से बढ़ाकर दिखाई जाती है। लेकिन, जैसे-जैसे तकनीकी बढ़ रही है ऐसा करने वालों के पकड़ में आने के चांस भी बढ़े हैं। बता दें कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को एचआरए देती हैं। उनकी सैलरी का यह हिस्सा टैक्स के दायरे में नहीं आता है। इसलिए लोग फर्जी रसीद लगा देते हैं।

पकड़े जाने पर हो सकती है ये सजा

फर्जी एचआरए रसीद लगाकर आप थोड़ा सा पैसा तो जरूर बचा सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा करते पकड़े गए तो जुर्माने से लेकर जेल तक जाना पड़ सकता है। आयकर विभाग अब हर गतिविधि पर करीबी नजर रख कहा है। अगर उसे कोई अनियमितता मिलती है तो उसकी ओर से लीगल नोटिस भेजा जाता है जिसमें दावा साबित करने का सबूत उपलब्ध कराने को कहा जाता है। अगर ऐसा नहीं हो पाता तो दी गई हर छूट को वापस लिया जा सकता है। अगर दावे झूठे पाए गए तो गलत जानकारी देने के लिए भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत कम आय दिखाने के मामले में 50 प्रतिशत राशि का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। वहीं, अगर विभाग को पता चला कि ऐसा जानबूझकर किया गया है तो जुर्माने की राशि 200 प्रतिशत हो जाती है। इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234ए. 234बी और 234सी के तहत ब्याज भी चुकाना पड़ता है। वहीं, अगर मामला ज्यादा गंभीर है तो आरोपी को जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ेगा जो आपकी फाइनेंशियल क्रेडिबिलिटी को भी खराब करेगा।

ये दस्तावेज दिखाने होते हैं जरूरी

रेंट एग्रीमेंट: यह इस बात का सबूत होता है कि किरायेदार और मकानमालिक के बीच क्या समझौता हुआ है। इस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होने जरूरी हैं।

फॉर्म 16: टैक्स में छूट लेने के लिए योग्य हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारी को फॉर्म 16 में एचआरए बेनेफिट्स डिक्लेयर करने चाहिए।

पैन कार्ड: रेंटल एग्रीमेंट के साथ अपने मकानमालिक के पैन कार्ड की जानकारी जरूर मिलाएं। दोनों दस्तावेजों में ये जानकारियां एक जैसी होनी जरूरी हैं।

पेमेंट का सबूत: किराये को लेकर रिकॉर्ड सही और मेनटेन रहना चाहिए। इनमें चेक की कॉपीज, बैंक स्टेटमेंट जैसे अन्य दस्तावेजों की जांच की जाती है।

फ्री में कैसे बनाएं किराये की रसीद

मैजिकब्रिक्स नाम का पोर्टल मुफ्त में किराये की सही रसीद बनाने की सुविधा देता है। जानिए किस तरह यहां से आप किराये की सही रसीद पा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले मैजिकब्रिक्स की वेबसाइट पर जाएं। यहां प्रॉपर्टी सर्विसेज टैब में Generate Rent Receipt ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद राशि, किराये की प्रॉपर्टी का पता, मकानमालिक का नाम और पैन डिटेल्स, किराये की तारीख, किरायेदार का नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आई़डी जैसी जानकारियां भरकर जेनरेट पर क्लिक करें। आपको अपने ईमेल पर रसीद मिल जाएगी।

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