हैदराबाद में 30 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहा इंजीनियर, मुंबई पुलिस के नाम पर मिली धमकी; ऐसे बची जान
Telangana Crime News: डिजिटल अरेस्ट के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट को लेकर चर्चा भी की थी। साइबर अपराधियों ने अलर्ट के बाद भी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। पूरे 30 घंटे इंजीनियर अपनी पत्नी और बेटे से अलग होकर आरोपियों की प्रताड़ना सहता रहा। पीएम मोदी ने साफ किया था कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर किसी को धमकी नहीं देती। ऐसे मामलों में सतर्क रहें। लेकिन इंजीनियर जालसाजी का शिकार हो गया।
परिवार से किया अलग
गनीमत ये रही कि इंजीनियर की जान भी बच गई और किसी प्रकार का अन्य नुकसान भी नहीं हुआ। रविवार सुबह इंजीनियर आरोपियों के चंगुल से छूटा। शनिवार सुबह करीब 3 बजे इंजीनियर के पास फर्जी कॉल आने का सिलसिला शुरू हुआ था। आरोपियों ने पहले खुद को FedEx कूरियर एजेंट बताया। बाद में मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर धमकाना शुरू कर दिया। इंजीनियर से कहा कि उसका आधार नंबर मनी लॉन्ड्रिंग मामले से कनेक्ट है। वह खुद को परिवार से अलग कर ले, ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हो। इसके बाद इंजीनियर ने पत्नी और बेटे से कहा कि उसकी एक होटल में बॉस से मीटिंग है। वह कई घंटे इसमें बिजी रहेगा। जिसके बाद घर से चला गया।
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इसके बाद इंजीनियर वीडियो कॉल पर बात करते हुए अपने घर से 15KM दूर एक लॉज में चला गया। जालसाजों ने धमकी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो केस दर्ज हो जाएगा। जिसके बाद गिरफ्तारी होगी। सोमवार सुबह बैंक खुलने तक उससे पूछताछ होती रहेगी। उसे अपने खाते से RTGS भुगतान करना होगा। जिसके बाद ही उसको आजादी मिलेगी। इसके बाद रविवार सुबह 4 बजे अचानक कॉल डिस्कनेक्ट हो गई। बाद में इंजीनियर ने हैदराबाद क्राइम हेल्पलाइन पर कॉल कर अपने साथ हुई वारदात की जानकारी दी।
4. After receiving a WhatsApp call, I found a scammer in a police uniform and set up like a police station.
This is why most people start to believe that this is a real police case.
Watch this clip to learn how they started. pic.twitter.com/L3eYeQvia0
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) October 24, 2024
पुलिस ने पीड़ित को दिया हौसला
पुलिस को यकीन था कि इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जब उसकी कॉल रिसीव की तो पीड़ित बुरी तरह डरा हुआ था। पुलिस लगातार पीड़ित के संपर्क में रही ताकि वह खुद को अकेला न समझे। इसके बाद पुलिस ने उसके पड़ोसी का नंबर भी लिया, परिवार को सूचना दी गई। बाद में परिवार इंजीनियर के पास लॉज में पहुंचा और उसे घर ले गया। पुलिस के अनुसार फर्जी कॉल कर कुछ साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट करते हैं। वे खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पैसे ऐंठने के लिए धमकी देते हैं। पीड़ित को परिवार से अलग कर गिरफ्तारी का डर भी दिखाते हैं। पीएम मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में डिजिटल अरेस्ट के प्रति सावधान रहने को कहा था।
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