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हैदराबाद में 30 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहा इंजीनियर, मुंबई पुलिस के नाम पर मिली धमकी; ऐसे बची जान

Hyderabad Engineer Digital Arrest Case: पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को डिजिटल अरेस्ट के लगातार आ रहे मामलों को लेकर अलर्ट किया था। लेकिन तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक इंजीनियर ही डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गया। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।
05:31 PM Oct 28, 2024 IST | Parmod chaudhary
हैदराबाद में 30 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहा इंजीनियर  मुंबई पुलिस के नाम पर मिली धमकी  ऐसे बची जान

Telangana Crime News: डिजिटल अरेस्ट के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट को लेकर चर्चा भी की थी। साइबर अपराधियों ने अलर्ट के बाद भी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। पूरे 30 घंटे इंजीनियर अपनी पत्नी और बेटे से अलग होकर आरोपियों की प्रताड़ना सहता रहा। पीएम मोदी ने साफ किया था कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर किसी को धमकी नहीं देती। ऐसे मामलों में सतर्क रहें। लेकिन इंजीनियर जालसाजी का शिकार हो गया।

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परिवार से किया अलग

गनीमत ये रही कि इंजीनियर की जान भी बच गई और किसी प्रकार का अन्य नुकसान भी नहीं हुआ। रविवार सुबह इंजीनियर आरोपियों के चंगुल से छूटा। शनिवार सुबह करीब 3 बजे इंजीनियर के पास फर्जी कॉल आने का सिलसिला शुरू हुआ था। आरोपियों ने पहले खुद को FedEx कूरियर एजेंट बताया। बाद में मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर धमकाना शुरू कर दिया। इंजीनियर से कहा कि उसका आधार नंबर मनी लॉन्ड्रिंग मामले से कनेक्ट है। वह खुद को परिवार से अलग कर ले, ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हो। इसके बाद इंजीनियर ने पत्नी और बेटे से कहा कि उसकी एक होटल में बॉस से मीटिंग है। वह कई घंटे इसमें बिजी रहेगा। जिसके बाद घर से चला गया।

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इसके बाद इंजीनियर वीडियो कॉल पर बात करते हुए अपने घर से 15KM दूर एक लॉज में चला गया। जालसाजों ने धमकी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो केस दर्ज हो जाएगा। जिसके बाद गिरफ्तारी होगी। सोमवार सुबह बैंक खुलने तक उससे पूछताछ होती रहेगी। उसे अपने खाते से RTGS भुगतान करना होगा। जिसके बाद ही उसको आजादी मिलेगी। इसके बाद रविवार सुबह 4 बजे अचानक कॉल डिस्कनेक्ट हो गई। बाद में इंजीनियर ने हैदराबाद क्राइम हेल्पलाइन पर कॉल कर अपने साथ हुई वारदात की जानकारी दी।

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पुलिस ने पीड़ित को दिया हौसला

पुलिस को यकीन था कि इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जब उसकी कॉल रिसीव की तो पीड़ित बुरी तरह डरा हुआ था। पुलिस लगातार पीड़ित के संपर्क में रही ताकि वह खुद को अकेला न समझे। इसके बाद पुलिस ने उसके पड़ोसी का नंबर भी लिया, परिवार को सूचना दी गई। बाद में परिवार इंजीनियर के पास लॉज में पहुंचा और उसे घर ले गया। पुलिस के अनुसार फर्जी कॉल कर कुछ साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट करते हैं। वे खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पैसे ऐंठने के लिए धमकी देते हैं। पीड़ित को परिवार से अलग कर गिरफ्तारी का डर भी दिखाते हैं। पीएम मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में डिजिटल अरेस्ट के प्रति सावधान रहने को कहा था।

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