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12 साल में दो बार 'मौत' से हुआ सामना, कंधार हाईजैक के हीरो देवी शरण ने रिटायरमेंट पर सुनाई आपबीती

Captain Devi Sharan Retired: इंडियन एयरलाइंस में 40 साल सेवा देने के बाद कैप्टन देवी शरण रिटायर हो गए हैं। अपनी फेयरवेल के दौरान उन्होंने सहकर्मियों को खास मैसेज दिया। इस दौरान अपने साथ हुई आपबीती भी शेयर की।
11:19 PM Jan 05, 2025 IST | Parmod chaudhary
12 साल में दो बार  मौत  से हुआ सामना  कंधार हाईजैक के हीरो देवी शरण ने रिटायरमेंट पर सुनाई आपबीती
फेयरवेल के दौरान सहकर्मियों के साथ देवी शरण। Photo-aneesh phadnis X

Captain Devi Sharan: इंडियन एयरलाइंस में 40 साल की सेवाएं देने के बाद कंधार हाईजैक के हीरो रहे पायलट देवी शरण शनिवार को रिटायर हो गए। दिसंबर 1999 में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के कमांडर रहे देवी शरण 65 साल के होने पर सेवानिवृत्त हुए। अपनी फेयरवेल के दौरान उन्होंने कहा कि अब वे एक यात्री के रूप में भी सजग रहेंगे। वे सुनिश्चित करेंगे कि उनके आसपास के लोग सुरक्षित रहें। सब कुछ ठीक रहे, कुछ भी गलत न हो। लेकिन उनके मन में लोगों की सुरक्षा के लिए संदेह रहेगा। शनिवार को कैप्टन देवी शरण ने अपनी आखिरी उड़ान का संचालन किया। देवी शरण 1985 में इंडियन एयरलाइंस (अब एयर इंडिया) ज्वाइन की थी। अपनी 40 साल की सर्विस के दौरान उन्होंने कई बार खतरों का सामना किया। उनका एयर इंडिया के साथ सफर शनिवार को पूरा हो गया।

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फेयरवेल के दौरान देवी शरण ने अपनी यादें ताजा कीं। देवी शरण ने स्टाफ सदस्यों से कहा कि जिंदगी आसान नहीं है। आई-814 के अपहरण ने उनको काफी कुछ सिखाया। विमान को जब हाईजैक किया गया तो उनका एक ही उद्देश्य था कि हर नागरिक का जीवन बच जाए। जिंदगी में हर समय लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। वे उनकी जिंदगी के सबसे बुरे दिन थे। वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वो बुरे दिन किसी भी क्रू मेंबर या पायलट की जिंदगी में दोबारा लौटकर न आएं। अब अगले एक साल में वे दुनियाभर की बड़ी एयरलाइंस कंपनियों से जुड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

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बड़ी विमानन कंपनियों से जुड़ेंगे

वे अंटार्कटिका और साइबेरिया की विमानन कंपनियों से बात कर रहे हैं। इस दौरान एक और किस्सा भी देवी शरण ने साझा किया। देवी शरण ही वो पायलट थे, जिन्होंने कैप्टन एसपीएस सूरी के साथ 1 जनवरी 2000 को तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान को कंधार से वापस भारत के लिए रवाना किया था। इसके 12 साल बाद फिर उन्होंने एक तरह से मौत का सामना किया था। उनका विमान गृह युद्ध की आग में जल रहे लीबिया में फंस गया था। क्रू मेंबर्स के अलावा कई नागरिक विमान में सवार थे। इस दौरान लीबिया में AKK-47 से लैस आतंकियों ने विमान को टारगेट किया था। लेकिन देवी शरण वहां से विमान को सुरक्षित निकालने में सफल रहे थे।

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करनाल से ली थी ट्रेनिंग

कैप्टन देवी शरण ने 1984 में करनाल से उड़ान की ट्रेनिंग ली थी। जिसके बाद पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस (मौजूदा एयर इंडिया) में उनका चयन हो गया था। शुरुआत में उन्होंने बोइंग 737-200 फ्लाइट का संचालन किया। बाद में उनको एयरबस A-320 और A-330 के संचालन का मौका मिला। एक पायलट के रूप में उनकी अंतिम उड़ान 4 जनवरी को मेलबर्न से दिल्ली के लिए रही। इस उड़ान के क्रू मेंबर्स ने उनको विशेष विदाई दी। अपने साथियों से देवी शरण ने कहा कि वे एक युवा के तौर पर इस एयरलाइन में शामिल हुए थे। उनका सफर शानदार रहा। कैप्टन शरण ने बताया कि अब वे करनाल जाकर खेती करने की प्लानिंग बना रहे हैं।

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