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कनाडा के वीजा को लेकर झटका, जानें भारतीयों पर फास्ट-ट्रैक VISA प्रोग्राम खत्म होने से क्या असर पड़ेगा?

Canada Fast Track Visa Programme: कनाडा में अपने लोकप्रिय फास्ट-ट्रैक स्टडी वीज़ा कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है। इसका असर लाखों भारतीयों पर पड़ेगा। क्योंकि भारत समेत पूरी दुनिया के लोग इस वीजा के जरिए कनाडा आते हैं, इसलिए पूरी दुनिया इस फैसले से प्रभावित होगी।
12:05 PM Nov 10, 2024 IST | Khushbu Goyal
कनाडा के वीजा को लेकर झटका  जानें भारतीयों पर फास्ट ट्रैक visa प्रोग्राम खत्म होने से क्या असर पड़ेगा
हर साल लाखों स्टूडेंट्स कनाडा जाते हैं।

Canada Fast Track Visa Programme: कनाडा के वीजा को लेकर भारतीय छात्रों को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि कनाडा में अपने लोकप्रिय फास्ट-ट्रैक स्टडी वीज़ा कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है। यह कदम भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच उठाया गया है। कनाडा के इस कदम से भारतीयों सहित कई देशों के छात्रों पर असर पड़ने की संभावना है, क्योंकि कनाडा के फास्ट ट्रैक वीज़ा कार्यक्रम के लिए अप्लाई करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है।

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सितंबर 2024 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक्स हैंडल पर ट्वीट करके घोषणा की थी कि कनाडा इस साल इंटरनेशनल स्टूडेंट परमिट 35 प्रतिशत कम दिया है और अगले साल यह 10 प्रतिशत और कम हो जाएगा। इमिग्रेशन कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है, लेकिन जब बुरे लोग सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का फायदा उठाते हैं तो हम कार्रवाई करते हैं। इसलिए चर्चा है कि कनाडा सरकार ने ऐसे किसी मंतव्य से ही वीजा प्रोग्राम खत्म करने का फैसला लिया है।

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साल 2018 में शुरू किया गया था प्रोग्राम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा सरकार अपने अस्थायी निवासियों की संख्या घटाना चाहती है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने बयान दिया है कि कनाडा सभी देशों के छात्रों को स्टडी परमिट के लिए समान और निष्पक्ष अवसर देने क लिए प्रतिबद्ध हैं। छात्रों के लिए 2018 में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (CDS) प्रोग्राम शुरू किया गया था।

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अब इसे एंटीगुआ, बारबुडा, ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट, ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद, टोबैगो और वियतनाम के लिए भी खोल दिया गया है। इससे पहले नाइजीरिया के छात्रों के लिए नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस (NSE) प्रोग्राम था, उसे भी CDS में मिला दिया गया। अब यह दोनों ही प्रोग्राम खत्म कर दिए गए हैं, लेकिन स्टूडेंट्स अभी भी रेगुलर स्टडी परमिट स्ट्रीम के जरिए अप्लाई कर सकते हैं और कनाडा आकर पढ़ाई कर सकते हैं।

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कनाडा की नई इमिग्रेशन पॉलिसी के टारगेट्स

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CDS प्रोग्राम के तहत, भारतीय छात्रों के आवेदन 20 दिन के भीतर अप्रूव हो जाते थे, लेकिन अब इसमें 8 सप्ताह तक का समय लग सकता है। कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने मीडिया को बताया कि कनाडा 2025 में लगभग 395000 लोगों को ही परमिट देगा, जो साल 2024 में अपेक्षित 485000 परमिट से लगभग 20 प्रतिशत कम है।

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और विदेशी श्रमिकों सहित अस्थायी अप्रवासियों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 2025 और 2026 में उनकी संख्या घटकर लगभग 446000 रहने की उम्मीद है, जो इस वर्ष लगभग 8 लाख है। नई नीति में सुझाव दिया गया है कि 2027 तक कनाडा केवल 17400 नए गैर-स्थायी निवासियों को स्वीकार करेगा।

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