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जटायु को देख थर-थर कांपा ड्रैगन, लक्षद्वीप में आज होगा नया आरंभ, चीन अभी से टेंशन में

INS Jatayu Minicoy Island: भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ने जा रही है। आईएनएस जटायु की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम होगा। इसकी शुरुआत लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर होने जा रही है। आइए जानते हैं कि जटायु के जरिए भारतीय नौसेना को किस तरह मदद मिलेगी...
08:47 AM Mar 06, 2024 IST | Pushpendra Sharma
INS Jatayu: जटायु को रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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INS Jatayu Minicoy Island: जल, थल, नभ में भारतीय सेना की ताकत लगातार बढ़ रही है। जिसे देख विरोधी देशों की टेंशन बढ़ गई है। अब भारतीय नौसेना एक नई शुरुआत करने जा रही है। नौसेना आज बुधवार 6 मार्च को लक्षद्वीप द्वीप समूह के मिनिकॉय में आईएनएस जटायु के तहत अपनी नौसैनिक टुकड़ी को तैनात करने के लिए तैयार हो चुकी है। नौसेना की ये नई शुरुआत रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि जटायु को देख ड्रैगन टेंशन में क्यों है।

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जटायु से क्या होगा? 

नौसेना का मानना है कि आईएनएस जटायु के जरिए बुनियादी सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने में मदद मिलेगी। बता दें कि आईएनएस जटायु लक्षद्वीप में दूसरा नौसैनिक अड्डा है। इससे पहले कवरत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक की तैनाती हो चुकी है। आईएनएस जटायु के शुरू होने से नौसेना को सर्विलांस और ऑपरेशनल एफिशियेंसी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

दक्षिणी द्वीप संचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण 

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आपको बता दें कि नौसेना की टुकड़ी मिनिकॉय की स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में की गई थी। इसे नौसेना अधिकारी-प्रभारी (लक्षद्वीप) की परिचालन कमान के तहत स्थापित किया गया था। मिनिकॉय लक्षद्वीप का दक्षिणी द्वीप है, इसे संचार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह समुद्री लाइनों (SLOC) तक फैला हुआ है। नौसेना का मानना है कि लक्षद्वीप द्वीपों को अरब सागर में विभिन्न जहाजों की आवाजाही की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

बेस ऑपरेशनल रीच को बढ़ाने में मिलेगी मदद

अब एक स्वतंत्र नौसैनिक इकाई की स्थापना से द्वीपों में नौसेना की परिचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। यह बेस ऑपरेशनल रीच को बढ़ाएगा। इसके जरिए पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में भी मदद मिलेगी।

आपको बता दें कि लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप को अरब सागर में रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल, इन द्वीपों के पास से कई शिपिंग लेन गुजरती हैं। रिपोर्टों के अनुसार, नौसेना मिनिकॉय, कवरत्ती, अगत्ती और एंड्रोथ द्वीपों में स्थित नौसेना इकाइयों में बुनियादी सुविधाओं को अपग्रेड करने की प्लानिंग कर रही है।

मलक्का जलडमरूमध्य के पास

ये द्वीप मलक्का जलडमरूमध्य के भी करीब हैं। मलक्का जलडमरूमध्य को शिपिंग मार्गों के कारण एक आर्थिक राजमार्ग माना जाता है। नया बेस न केवल नौसेना को शिपिंग गतिविधि पर नजर रखने में मदद करेगा, बल्कि बल संकट के दौरान प्रतिक्रिया देने के लिए बेहतर स्थिति में भी होगा।

ग्लोबल टाइम्स ने जारी की रिपोर्ट

भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत देख ग्लोबल टाइम्स ने भी अपनी खीज निकाली है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रही है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इसके साथ ही कहा कि भारत नए बेस के जरिए मालदीव के साथ ही क्षेत्र में चीन के प्रभाव को रोकने का प्रयास कर रहा है। जाहिर है कि आईएनएस जटायु से चीन की टेंशन लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही उसके पिछलग्गू मालदीव की टेंशन बढ़ना भी लाजिमी है।

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