अमेरिका से लीज पर लिया गया ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त, क्या है MQ9 की खासियत?
Indian Navy MQ9B Drone: भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है। नौसेना ने हाल ही में अमेरिका से लीज पर एमक्यू-9बी सीगार्डियन ड्रोन लिया था। जानकारी के अनुसार, रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट (RPA) बुधवार को सर्विलांस मिशन पर था। इसी दौरान इसमें तकनीकी खराबी आ गई। जिसके कारण यह बंगाल की खाड़ी में गिर गया।
क्या है इसकी खासियत?
इस ड्रोन को अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया है। इसे प्रीडेटर बी ड्रोन का वर्जन माना जाता है। इसके जरिए नेवी ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपनी खुफिया जानकारी और निगरानी के लिए चार साल पहले लीज पर लिया था। इसके तहत 2 MQ9B लीज पर लिए गए थे। तमिलनाडु में नौसेना हवाई स्टेशन राजाली से इसका संचालन कर रही है।
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सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचा
इंडियन नेवी ने एक बयान में कहा है कि आरपीए सुरक्षित क्षेत्र में पहुंच गया है। चेन्नई के पास समुद्र में नियंत्रित तरीके से विमान को उतारा गया है। इस बारे में जनरल एटॉमिक्स से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। लीज के तहत नौसेना को हिंद महासागर की निगरानी करने के लिए 2 OEM दिए गए हैं। इस समझौते के अनुसार नेवी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनी अब खोए हुए RPA को दूसरे से रिप्लेस करेगी।
31 UAV खरीदेगी भारत सरकार
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में मोदी सरकार ने घोषणा की थी कि भारत 31 MQ9-B रीपर अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) खरीदेगा। जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के जनरल एटॉमिक्स (GA) की ओर से बनाए गए 'प्रीडेटर्स' के रूप में भी जाना जाता है। इस डील के तहत भारतीय नौसेना को समुद्री मिशनों के लिए MQ9 UAV के 15 नेवल वेरिएंट्स मिलेंगे। जिन्हें सी गार्डियन कहा जाता है। भारतीय सेना (IA) और भारतीय वायु सेना (IAF) को स्काई गार्डियन नाम के 8-8 UAV मिलेंगे। ये यूएवी सीमाओं की निगरानी के लिए खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) मिशनों में मदद करेंगे।
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