Indian Railways में 32000 पदों पर वैकेंसी; लोकसभा में रेल मंत्री ने दिए रेलवे में भर्तियों पर अपडेट
Minister Ashwini Vaishnaw Claims on Railways Recruitments: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 23 जुलाई को पेश किया गया था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल में 7वीं बार बजट संसद के पटल पर रखा। यह रिकॉर्ड बनाने वाली वे पहली वित्तमंत्री बन गई हैं। वहीं बजट सत्र के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में भर्तियों पर बड़ा अपडेट दिया।
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रेलवे में भर्तियों को लेकर रेल मंत्री की ओर से बड़ा दावा किया गया। रेल मंत्री के दावे के अनुसार, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) में 32603 पदों पर भर्तियां चल रही हैं। इनके लिए जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक नोटिफिकेशन जारी किए गए थे, जिनके तहत सहायक लोको पायलट, टेक्नीशियन, सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के पद भरे जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें:UP Police: 60 हजार पदों पर भर्ती परीक्षा की नई डेट पर ताजा अपडेट
भर्तियों का एनुअल कैलेंडर जारी करेंगे
रेलवे में भर्तियों से जुड़ी एक नई व्यवस्था का ऐलान करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेल मंत्रालय अब हर साल ग्रुप ‘सी' कैटेगरी में भर्तियों का एनुअल कैलेंडर जारी करेंगे, ताकि युवाओं को तैयारी करने का ज्यादा समय मिल पाए। मोदी सरकार के निर्देश हैं कि रेलवे में पहले जो भर्तियां 4-5 साल में एक बार होती थीं, उन्हें अब हर साल किया जाए और नौकरियां देने के लिए आसान भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाए।
साल 2022 में यह प्लान बना था, जिसके अनुसार, जनवरी, अप्रैल, जून और अक्टूबर में भर्तियां निकाले जाने की योजना बनी। इस साल जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक होने वाली भर्तियां चल रही हैं। रेलवे में भर्तियों के पुराने तरीके से युवाओं को नुकसान उठाना पड़ता था। भर्ती निकलने का इंतजार करते-करते वे कोई और राह पकड़ लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब वे रेलवे में भी नौकरी पा सकेंगे।
यह भी पढ़ें:Plane Crash में इकलौता जिंदा बचा शख्स कौन? कैसे दी मौत को मात, को-पायलट समेत मारे गए थे 18 लोग
10 साल में रेलवे ने दी करीब 5 लाख नौकरियां
लोकसभा सदन में रेल मंत्रालय ने दावा किया है कि साल 2014 से 2024 के बीच 10 साल में रेलवे ने करीब 5 लाख नौकरियां दी, जबकि कांग्रेस के साल 2004 से 2014 तक के 10 साल के कार्यकाल में 4 लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई थीं। मोदी कार्यकाल यह आंकड़ा 25 प्रतिशत ज्यादा है। कोरोना काल के बाद 1.30 लाख नौकरियां कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) लेकर दी गईं।
1.26 करोड़ से अधिक युवाओं ने 28 दिसंबर 2020 से 31 जुलाई 2021 तक एग्जाम दिए। एग्जाम भी कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) था। 7 फेज में 68 दिन परीक्षाएं चली थीं। देशभर के 211 शहरों में 726 सेंटरों पर एग्जाम हुए थे। एक करोड़ से ज्यादा युवाओं ने 17 अगस्त 2022 से 11 अक्टूबर 2022 तक एग्जाम दिए थे, जो ऑनलाइन हुए थे। इसके लिए देशभर के 191 शहरों में 500 से ज्याद एग्जाम सेंटर बनाए गए थे।
यह भी पढ़ें:भारत में रेप-आतंकी हमले का खतरा, इन 2 राज्यों में नहीं जाएं; अपने नागरिकों के लिए अमेरिका की एडवाइजरी