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लाल चौक पर आतंकियों को धूल चटा चुके IPS नलिन प्रभात कौन? जो बने जम्मू कश्मीर के नए DGP

IPS Nalin Prabhat: जम्मू-कश्मीर के नए डीजीपी का ऐलान गृह मंत्रालय ने कर दिया है। गृह मंत्रालय ने ऐसे अफसर को जिम्मेदारी दी है, जो आतंक विरोधी कई ऑपरेशंस को अंजाम दे चुके हैं। नए अधिकारी एनएसजी के महानिदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। आइए जानते हैं कि ये कौन हैं?
11:11 PM Aug 14, 2024 IST | Parmod chaudhary
लाल चौक पर आतंकियों को धूल चटा चुके ips नलिन प्रभात कौन  जो बने जम्मू कश्मीर के नए dgp

New DGP of Jammu And Kashmir: (आसिफ सुहाफ, श्रीनगर) आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में नियुक्त किया जाना तय है। कैबिनेट नियुक्ति समिति द्वारा आंध्र प्रदेश से एजीएमयूटी कैडर में उनकी अंतर कैडर प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। अब केंद्र सरकार आने वाले दिनों में उनकी नियुक्ति की घोषणा कर सकती है। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रभात इस महत्वपूर्ण भूमिका में तीन साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।

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वर्तमान में आरआर स्वैन डीजीपी पद पर हैं, लेकिन प्रभात जल्द ही उनकी जगह लेंगे। यह घोषणा स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले हुई है, जो इस क्षेत्र के लिए काफी अहम है। हिमाचल प्रदेश के मनाली के रहने वाले प्रभात के पास आतंकवाद विरोधी अभियानों का अनुभव है। वे इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के महानिदेशक और जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं।

2009 में ऑपरेशन को किया था लीड

नलिन प्रभात का जम्मू-कश्मीर में सेवा का उल्लेखनीय इतिहास रहा है। खासकर उग्रवाद के चरम के दौरान। 2009 के लाल चौक आतंकी हमले के दौरान उन्होंने ऑपरेशन को लीड किया था। जहां श्रीनगर में पंजाब होटल पर हमला करने वाले आतंकवादियों को मार गिराया गया था। शहर के बीचोंबीच आतंकी बड़ा नुकसान कर सकते थे। डीजीपी की भूमिका में आने के बाद अब प्रभात को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अभी एक बार कश्मीर में जब सुरक्षाबलों पर हमले बढ़े हैं।

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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारियां भी तेज हो रही हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड मतदान के बाद चुनाव आयोग ने समीक्षा की है। चुनावी प्रक्रिया लगभग एक महीने तक चलने की उम्मीद है। जिसमें हाल ही में हुए परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है। ऐसे में प्रभात के ऊपर निष्पक्ष चुनाव करवाने का भी दबाव होगा।

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