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हादसों के बाद ही क्यों जागता है रेलवे? जानें साबरमती हादसे पर क्या बोले रेल मंत्री?

Who will take responsibility for Train Accidents: संसद के बजट सत्र में रेल मंत्री ने कहा कि हादसों को रोकने के लिए पूरे देश में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग कर दी गई है। 2014 में एनडीए सरकार आने के बाद एटीपी डेवलप किया गया और 2016 में कवच के ट्रायल शुरू हुए।
09:12 AM Aug 17, 2024 IST | Nandlal Sharma
हादसों के बाद ही क्यों जागता है रेलवे  जानें साबरमती हादसे पर क्या बोले रेल मंत्री
रेल मंत्री ने संसद में बताया कि 9 हजार किलोमीटर के लिए कवच सिस्टम का टेंडर इन प्रॉसेस है।

Rail Accident News: वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस शनिवार को पटरी से उतर गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 बोगियां पटरी से उतरीं हैं। हालांकि हादसे में किसी की जान नहीं गई है। इस बीच रेल मंत्री ने ट्वीट किया है कि साबरमती एक्सप्रेस का इंजन ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकरा गया, जिसकी वजह से पूरी ट्रेन पटरी से उतर गई। ट्रेन के इंजन पर जोरदार चोट लगने के निशान देखे गए हैं। रेल मंत्री ने कहा कि बोल्डर से टक्कर होने के सबूत सुरक्षित हैं। आईबी और उत्तर प्रदेश पुलिस घटनास्थल पर तैनात हैं। यात्रियों और कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई है। हालांकि जून और जुलाई का रेल हादसों का महीना रहा है।

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हादसों की लिस्ट

4 अगस्त को कोरबा-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस ट्रेन, विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन पर खड़ी थी, अचानक बोगियों में आग लग गई। चार खाली कोच जल गए।

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30 जुलाई को झारखंड के चक्रधरपुर में हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। दो लोगों की मौत हो गई और कई सारे लोग घायल हुए।

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29 जुलाई को बिहार के समस्तीपुर में बिहार संपर्क क्रांति के डिब्बे अलग हो गए।

27 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर में मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतर गए।

26 जुलाई को भुवनेश्वर के पास मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए।

वहीं 22 जुलाई को अलवर और रेवाड़ी के बीच एक मालगाड़ी मथुरा के पास पटरी से उतर गई। 21 जुलाई को पश्चिम बंगाल के नाडिया में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई।

20 जुलाई को गाजियाबाद से मुरादाबाद के बीच एक मालगाड़ी की सात बोगियां पटरी से उतर गईं।

20 जुलाई को यूपी के अमरोहा में मालगाड़ी के 12 डिब्बे पटरी से उतरे।

19 जुलाई को गुजरात के वलसाड में मालगाड़ी पटरी से उतरी।

18 जुलाई को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ रेल हादसा हुआ। इसमें चार लोगों की मौत हुई और 31 लोग घायल हुए।

17 जून को सियालदह जाने वाले कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। 10 लोगों की मौत हो गई और 25 से ज्यादा घायल हुए।

वहीं, बालासोर में 2 जून, 2023 को कोरोमंडल एक्सप्रेस, शालीमार एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर में 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए।

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यात्रियों की सुरक्षा की किसे चिंता?

हाल के दिनों में हादसे इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि ट्रेन यात्रियों को अब सफर में डर लगता है कि कहीं आधी रात को ट्रेन पटरी से उतर जाए। 2 जून को लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि पिछले दो महीनों में 4 मालगाड़ी पलटी हैं, लेकिन रेल मंत्री ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली। बालासोर ट्रेन हादसे में 300 से ज्यादा लोग मरे, लेकिन रेल मंत्री ने कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं ली।

रेल मंत्री ने बताया हादसे रोकने के लिए क्या किया

संसद के बजट सत्र में लगातार हो रहे ट्रेन हादसों पर जब रेल मंत्री से विपक्ष ने सवाल किया तो रेल मंत्री सांसदों पर भड़क गए। उन्होंने विपक्षी सांसदों को चुप होकर बैठने को कहा। रेल मंत्री ने कहा कि हादसों को रोकने के लिए पूरे देश में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 2014 में एनडीए सरकार आने के बाद सरकार ने एटीपी डेवलप किया और 2016 में कवच के ट्रायल शुरू हुए। रेल मंत्री ने कहा कि 9 हजार किलोमीटर का टेंडर इन प्रॉसेस है। कुछ ही महीनों में यह पांच हजार लोकोमोटिव्स पर लगना शुरू हो जाएगा। 70 हजार किलोमीटर के रेल नेटवर्क पर जल्द से जल्द कवच लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

 2 प्रतिशत रेल नेटवर्क पर ही कवच सिस्टम

रेल मंत्री के दावे के उलट अभी सिर्फ 2 प्रतिशत रेल नेटवर्क पर ही कवच सिस्टम इंस्टॉल हो पाया है। वहीं सरकार की ओर से कवच सिस्टम के लिए 1100 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जबकि इसके लिए 45 हजार करोड़ की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरटीआई के जरिए रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक 7 जुलाई 2021 से 17 जून 2024 तक देश में 131 ट्रेन एक्सीडेंट हुए हैं। इनमें 92 में ट्रेन पटरी से उतरी हैं। इन दुर्घटनाओं में 64 पैसेंजर ट्रेन और 28 मालगाड़ी शामिल हैं।

रेलवे में 1.5 लाख पद खाली

आरटीआई के मुताबिक रेलवे में सुरक्षा के लिए लगभग 1.5 लाख पद खाली पड़े हैं। रेलवे में ट्रैक मेंटेनर, प्वाइंट्समैन, इलेक्ट्रिक सिग्नल मेंटेनर और सिग्नलिंग सुपरवाइजर जैसे पद खाली पड़े हुए हैं।

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