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75 दिन में 12 हमले, 14 जवान शहीद... आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू

Terror Attack in Jammu: जम्मू कश्मीर में लगातार हमले बढ़े हैं। ऐसा लगता है कि आतंकियों ने कश्मीर के बाद जम्मू को अपने टारगेट पर रखा हुआ है। बीते 75 दिनों में आतंकियों ने 12 हमले किए हैं, जिनमें 14 जवानों की शहादत हुई है।
09:18 AM Sep 14, 2024 IST | Nandlal Sharma
75 दिन में 12 हमले  14 जवान शहीद    आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू
आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाते सेना के जवान।

Terror Attack in Jammu: जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने अपनी रणनीति बदली है। अब घाटी के बजाय जम्मू संभाग में हमले बढ़े हैं और जवानों की शहादत भी बढ़ी है। निसंदेह सेना ने पराक्रम दिखाते हुए हुए आतंकियों को मार गिराया है। लेकिन आम तौर सुरक्षित माने जाने वाले जम्मू में हमलों का बढ़ना बताता है कि केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। 13 और 14 सितंबर के बीच जम्मू कश्मीर में किश्तवाड़ और बारामूला में आतंकियों की तलाश में सर्च अभियान चलाया गया। इस अभियान में किश्तवाड़ में जहां दो जवानों की शहादत हुई तो बारामूला में सेना का सर्च अभियान जारी है।

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जून से 14 सितंबर 2024 तक जम्मू में हुए आतंकी हमलों को देखें तो 15 दिन में 12 हमले हुए हैं। इन हमलों में 14 जवानों की शहादत हुई है, जबकि 4 आतंकी मारे गए हैं। जाहिर है कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चिंता का विषय है। 2008 के बाद यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर में लगातार हमले बढ़े हैं। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक आतंकियों की बदली रणनीति पर निर्णायक फैसला लेने का समय आ गया है। हर बार आतंकी हमला कर गायब हो जा रहे हैं। जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी लोगों को परेशान कर रही है।

जम्मू संभाग में बढ़े हमले

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1. 13 सितंबर को किश्तवाड़ में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए जबकि दो जवान घायल हुए हैं।

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2. 8 सितंबर को सेना ने लाम और नौशेरा में दो आतंकियों को ढेर किया। बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद किए गए।

3. 29 अगस्त को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।

4. 24 अगस्त को जम्मू कश्मीर के सोपोर में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें एक आतंकी को सेना ने मार गिराया।

5. 13 अगस्त को जम्मू कश्मीर में आतंकियों के साथ सेना की एक बड़ी मुठभेड़ हुई। ये ऑपरेशन चार दिनों से ज्यादा समय तक चला था। अनंतनाग जिले के कोकरनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 2 जवान और एक नागरिक की मौत हो गई।

6. 27 जुलाई को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया था। हालांकि इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया।

7. 22 जुलाई को राजौरी के गुंदा क्वास में शौर्य चक्र से सम्मानित बीडीसी सदस्य के घर पर आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में सेना का एक जवान घायल हो गया।

8. 16 जुलाई को डोडा के जंगलों में सेना पर आतंकियों ने घात लगातार हमला किया। इस हमले में चार जवान शहीद हो गए।

9. 8 जुलाई को कठुआ आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए।

10. 7 जुलाई को राजौरी जिले की सुरक्षा चौकी पर हमला हुआ। इस हमले में एक सैन्यकर्मी घायल हो गया।

11. 11-12 जून को डोडा और भद्रवाह में पुलिस और सेना के अस्थायी कैंप पर हमला हुआ। इसमें सात जवान घायल हो गए।

12. 9 जून को रियासी में शिवखोड़ी में यात्रियों की बस पर हमला हुआ। इसमें 10 यात्री मारे गए और 40 घायल हो गए।

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव
2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद जम्मू कश्मीर में राजनीति बदली है। माहौल बदला है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद से हालात में परिवर्तन आए हैं, लेकिन जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों के बढ़ने से सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां बढ़ी हैं। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था और अब 10 साल बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। शायद यही वजह है कि आतंकी लगातार हमलों की फिराक में लगे हुए हैं। राज्य में पहले चरण की वोटिंग में 17 सितंबर को मतदान होगा।

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