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J-K में पहले फेज से निकलेगा किंगमेकर! 24 सीटों पर खेल बिगाड़ेंगे राशिद इंजीनियर, घाटी में बीजेपी पर सबकी नजरें

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Phase 1: जम्मू और कश्मीर में पहले चरण की 24 सीटों पर आज मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। वोटिंग के लिए हर गांव में बूथ बनाए गए हैं। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और बीजेपी के लिए इस चरण में राशिद इंजीनियर की पार्टी भी मैदान में है।
07:02 AM Sep 18, 2024 IST | Nandlal Sharma
j k में पहले फेज से निकलेगा किंगमेकर  24 सीटों पर खेल बिगाड़ेंगे राशिद इंजीनियर  घाटी में बीजेपी पर सबकी नजरें
जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर को पहले चरण में वोटिंग हो रही है।

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Phase 1: जम्मू कश्मीर की 24 विधानसभा सीटों के मुकाबले में चार पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। बीजेपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के अलावा इस चरण में राशिद इंजीनियर का फैक्टर भी निर्णायक है। इन पार्टियों के अलावा अब्दुल गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी और अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है। तीन चरणों में होने वाले चुनाव में पहले चरण में आज वोटिंग हो रही है।

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पहले चरण में कश्मीर की अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं जम्मू संभाग के डोडा, रामबन और किश्तवाड़ जैसी सीटें शामिल हैं।बता दें कि पहले फेज में पुलवामा की चार सीटें, शोपियां की दो, कुलगाम की तीन, अनंतनाग की सात, किश्तवाड़ की तीन, डोडा में तीन और रामबन और बनिहाल की दो-दो सीटों पर वोटिंग हो रही है। पहले चरण में कश्मीर की 16 जबकि जम्मू की 8 सीटें शामिल

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार चुनाव हो रहे हैं। 14 हजार चुनाव कर्मचारी 3,276 वोटिंग स्टेशनों पर वोट डलवाएंगे। वहीं 23 लाख मतदाता पहले चरण में 219 कैंडिडेट के भाग्य का फैसला करेंगे। राज्य के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद ये विधानसभा का पहला चुनाव है।

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ये भी पढ़ेंः Jammu Kashmir Election: कांग्रेस के घोषणा पत्र में 370 कहां? INC ने वादों से पलटा चुनाव

जम्मू और कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी पांडुरंग के पोले ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को सात जिलों में 24 सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव के लिए हर गांव में बूथ बनाए गए हैं। सुबह 7 से शाम के 6 बजे तक वोटिंग होगी।

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घाटी की सीटों पर बीजेपी का इम्तिहान

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में घाटी की सीटों पर बीजेपी के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें रहेंगी। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह एक लिटमस टेस्ट की तरह है। चुनाव में अनुच्छेद 370 एक अहम मुद्दा है और बीजेपी ने इसे खत्म किए जाने हमेशा को डिफेंड किया है। डोडा की एक रैली में रविवार को पीएम मोदी ने कहा था कि ये चुनाव जम्मू कश्मीर के भाग्य का फैसला करेगा।

इन सीटों पर है खास नजर

पुलवामा विधानसभा सीट पर जबरदस्त चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर पीडीपी के युवा नेता वाहिद उर रहमान पारा चुनाव लड़ रहे हैं, जोकि पीडीपी के ही पूर्व नेता मोहम्मद खलील बंद के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। मोहम्मद खलील अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ हैं। 36 वर्षीय पारा ने युवा नेता के तौर पर 2008 और 2014 में तीन बार के विधायक मोहम्मद खलील के लिए चुनाव प्रचार किया था। पारा इस समय जमानत पर बाहर हैं।

हालांकि पारा के लिए इस बार चुनाव जीत पाना आसान नहीं रहने वाला है। तलत मजीद इसी सीट से निर्दलीय के तौर पर मैदान में हैं। उन्हें जमात का समर्थन है। जमात ने राशिद इंजीनियर की पार्टी के साथ रणनीतिक गठबंधन किया है। राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव में बारामूला से उमर अब्दुल्ला को हराकर कश्मीर की सियासत में उलटफेर कर दिया है।

दक्षिणी कश्मीर की श्रीगुफावाड़ा-बिजबेहरा सीट से महबूबा मुफ्ती की बेटी चुनावी मैदान में हैं, उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद शाह से है। वहीं इस सीट पर बीजेपी के जम्मू कश्मीर उपाध्यक्ष सोफी युसूफ भी चुनाव मैदान में हैं।

कुलगाम में सीपीएम के मोहम्मद युसुफ तारिगामी अपनी सीट बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। 1996 के बाद से तारिगामी इस सीट से चुनाव जीतते रहे हैं। लेकिन इस बार जमात के समर्थन वाला उम्मीदवार उनके सामने है। तारिगामी को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन है।

हाल के महीनों में जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं में इजाफा देखा गया है। खास तौर पर जम्मू संभाग में एनकाउंटर की संख्या बढ़ी है। पिछले हफ्ते हुए तीन एनकाउंटर में सेना के दो जवान शहीद हो गए जबकि पांच आतंकी मारे गए।

ये भी पढ़ेंः Exclusive Interview: ‘अब सियासत करना सीख लिया’, चुनाव से पहले क्यों बोले फारूक अब्दुल्ला?

जम्मू और कश्मीर में बीजेपी का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन से है। दोनों पार्टियों ने 2008 से 2014 के दौरान राज्य में गठबंधन की सरकार चलाई थी, जब उमर अब्दुल्ला ने राज्य में मुख्यमंत्री का पद संभाला था। फारुक अब्दुल्ला की अगुवाई में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे को फिर से बहाल करने का वादा किया है। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का वादा किया है।

हालांकि 2015 से 2018 के बीच बीजेपी के साथ जम्मू और कश्मीर में सरकार चलाने वाली पीडीपी ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में गैर बीजेपी सरकार के गठन में वह अहम भूमिका निभाएगी। बिजबेहरा सीट से चुनाव लड़ रहीं महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि अंत में जम्मू और कश्मीर को एक गैर बीजेपी सरकार मिलने जा रही है। और मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार गठन में बीजेपी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इन बड़ी पार्टियों के अलावा शेख अब्दुल राशिद इंजीनियर की अगुवाई वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी भी चुनाव में हिस्सा ले रही है। राशिद इंजीनियर ने प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी के साथ रणनीतिक गठबंधन किया है। जमात ए इस्लामी के कई सारे पूर्व सदस्य निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में हैं।

देखना होगा कि पहले फेज की 24 सीटों में से कितनी सीटें किसके हिस्से में आती हैं। राज्य में 25 सितंबर को दूसरे चरण में और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे।

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