मुश्ताक बुखारी कौन? 4 दशक से राजनीति में, BJP ने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला से की तुलना
Who is Mushtaq Bukhari: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है। बता दें कि तीन चरणों में यहां मतदान होना है। एक दशक बाद राज्य में चुनाव होने जा रहे हैं। इसी बीच पार्टी के एक प्रत्याशी मुश्ताक बुखारी की तुलना BJP के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला से की है। जम्मू कश्मीर के पहाड़ी समुदाय को आजादी दिलाने के उनके प्रयासों की जमकर प्रशंसा भी की है। 75 साल के बुखारी को बीजेपी ने सुरनकोट विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। यह अनुसूचित जनजाति आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है।
पहाड़ी समुदाय के नेता हैं बुखारी
वहीं, चुघ को जम्मू कश्मीर में पार्टी की गतिविधियों को मॉनिटरिंग करने का जिम्मा दिया गया है। प्रचार के दौरान बुखारी ने पहाड़ी समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग पूरी करवाने का दावा किया है। बीजेपी नेता चुघ का कहना है कि महात्मा गांधी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। कोई भी पार्टी सत्ता में आए, लेकिन नेल्सन मंडेला को भी नहीं भुला सकते। वैसे ही पहाड़ी कबीले को आजादी दिलाने का काम यहां के नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी मुश्ताक बुखारी ने किया है।
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बता दें कि बुखारी 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। 15 फरवरी 2022 को उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था। इससे पहले वे नेशनल कॉन्फ्रेंस में थे। लेकिन पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर उनका फारूक अब्दुल्ला से मतभेद हो गया था। जिसके बाद वे बीजेपी में आ गए थे। उन्होंने ऐलान किया था कि जो पार्टी पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा देगी, वे उसके साथ ही जाएंगे। इससे पहले बुखारी दो बार सुरनकोट से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं।
Joined BJP MLA candidate from #Surankote Assembly constituency #Syed_Mushtaq_Ahmad Bukhari as he filed his nomination. pic.twitter.com/I4GaCUgwYs
— Gulam Ali Khatana (@GulamAliKhatana) September 4, 2024
कभी रहे फारूक अब्दुल्ला के करीबी
पुंछ जिले के ये बड़े नेता माने जाते हैं। जो फारूक अब्दुल्ला के करीबी माने जाते थे। मुस्लिम समुदाय में ये पीर साहब के नाम से भी मशहूर हैं। बुखारी पहाड़ी समुदाय से आते हैं। जिनकी पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जिले में साढ़े 12 लाख आबादी है। बीजेपी ने फरवरी में बजट सेशन के दौरान पद्दारी जनजाति, कोली, पहाड़ी जातीय जनजाति और गड्डा ब्राह्मणों के लिए रिजर्वेशन को मंजूरी दी थी। दूसरे चरण में 25 सितंबर को सुरनकोट में वोटिंग होनी है।
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