मां की मीडिया एडवाइजर... बशीर अहमद को टक्कर देने अब खुद मैदान में उतरीं इल्तिजा मुफ्ती
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए नामांकन शुरू का दौर शुरू हो गया है। इस वक्त जम्मू-कश्मीर के चुनावों में हर किसी की नजर कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेपी और पीडीपी जैसे प्रमुख दलों के उम्मीदवारों पर टिकी है। इस चुनाव में कई ऐसे नेता हैं जिनकी खूब चर्चा हो रही है। इसी में पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी चर्चा में हैं। वो बिजबेहरा से चुनावी मैदान में उतरी हैं। जहां पर मुफ्ती का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता बशीर अहमद से है।
कौन हैं इल्तिजा मुफ्ती?
इल्तिजा मुफ्ती (36) पहली बार चुनाव में उतरने जा रही हैं। महबूबा मुफ्ती की बेटी पीडीपी से बिजबेहरा में चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट को इल्तिजा के लिए सुरक्षित सीट माना जा रहा है। इसकी खास वजह ये है कि इस सीट पर पिछले 28 साल से उनके परिवार का कब्जा है। इसके पहले महबूबा और उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद भी इस सीट से चुनावी लड़ाई लड़ चुके हैं। इसी के साथ अब इल्तिजा मुफ्ती के कंधों पर ये जिम्मेदारी आ गई है। मुफ्ती अपनी मां के लिए मीडिया एडवाइजर के तौर पर भी काम करती आई हैं। चूंकि ये इस सीट को उनका गढ़ कहा जाता है उसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि उनकी मुकाबला कड़ा नहीं है।
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18 सितंबर को पहले चरण का मतदान
बिजबेहारा-श्रीगुफवाड़ा में 18 सितंबर को पहले चरण के चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा। मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) इस सीट को जीतने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इल्तिजा मुफ्ती के प्रचारकों में से एक और पीडीपी के युवा नेता नजामुस साकिब का कहना है कि हम जानते हैं कि 'यह एक मुश्किल लड़ाई है लेकिन यहां के वोटर्स हमारे विकास के लिए किए गए काम पर वोट करेंगे।' उनका कहना है कि 'पिछले 25 साल में हमने इस क्षेत्र में कई विकासात्मक परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनसे लोग खुश हैं।'
चुनाव को लेकर पीडीपी के पूर्व कार्यकर्ता वसीम मुश्ताक का कहना है कि 'पीडीपी यहां मजबूत है, लेकिन हाल ही में एनसी ने भी प्रगति की है। यहां एक कठिन मुकाबला होने जा रहा है।' आपको बता दें कि 1996 के बाद से पार्टी इस निर्वाचन क्षेत्र से कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारी है। लेकिन पिछले एक दशक में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने निर्वाचन क्षेत्र में ताकत हासिल की है।
इस बार पटल सकता है खेल!
NC उम्मीदवार बशीर अहमद वीरी की बात करें तो ये इससे पहले बिजबेहारा-श्रीगुफवाड़ा से लगातार दो चुनाव हार चुके हैं। वहीं, पार्टी समर्थकों का कहना है कि इस साल के चुनाव में हालात अलग होंगे अलग होंगे। इस बार खासकर पीडीपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को देखी गई है। 2014 की बात करें तो यहां पर पीडीपी की मजबूत लहर देखने को मिली लेकिन वो कुछ ही वोटों के अंतर से ही जीत पाए थे, रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने तब चीजों में हेरफेर किया था।
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