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BJP का 'नए कश्मीर' का सपना कैसे पूरा होगा? 4 पॉइंट्स में समझें आखिर कहां हो गई चूक?

Jammu Kashmir Exit Poll 2024 BJP Defeat 4 Points: जम्मू कश्मीर के एग्जिट पोल में बीजेपी हारती नजर आ रही है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन रंग लाया है। हालांकि सवाल यह है कि घाटी में 'नया कश्मीर' का नारा देने वाली बीजेपी आखिर बैकफुट पर कैसे आ गई?
02:33 PM Oct 06, 2024 IST | Sakshi Pandey
bjp का  नए कश्मीर  का सपना कैसे पूरा होगा  4 पॉइंट्स में समझें आखिर कहां हो गई चूक

Why BJP Lost Jammu Kashmir Exit Poll 2024: बीती शाम आचार संहिता खत्म होने के बाद 2 राज्यों के एग्जिट पोल सामने आए। हरियाणा और जम्मू कश्मीर दोनों ही राज्यों में नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं। हरियाणा में पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार थी, तो जम्मू कश्मीर में जीत के लिए बीजेपी ने अपनी सारी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं ने जम्मू कश्मीर में अनगिनत रैलियां की। मगर एग्जिट पोल के रुझानों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन जीतता दिखाई दे रहा है।

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क्या कहता है एग्जिट पोल?

जम्मू कश्मीर चुनाव के दौरान बीजेपी ने नए कश्मीर का नारा दिया था। चुनावी घोषणा पत्र में आतंकवाद मुक्त विकसित कश्मीर की छवि पेश की गई थी। मगर उसी कश्मीर में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। एग्जिट पोल के रुझानों में जहां जम्मू में बीजेपी को 30 के लगभग सीटें मिल रही हैं, तो वहीं कश्मीर में बीजेपी को 1-2 सीटें ही मिलने के आसार हैं। बेशक चुनाव के असली नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। मगर उससे पहले आइए जानते हैं कि नए कश्मीर के नारे में आखिर बीजेपी कहां चूकी है?

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1. अनुच्छेद 370 ने बढ़ाई मुश्किल

5 अगस्त 2019 को बीजेपी ने जम्मू कश्मीर का स्पेशल स्टेटस यानी अनुच्छेद 370 रद्द कर दिया था। इसके बाद घाटी में कई दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया और अनुच्छेद 370 को कशमीर की साख से जोड़ दिया। विपक्ष की हुंकार के बीच बीजेपी का नया कश्मीर का नारा दबकर रह गया और घाटी में बीजेपी की छवि एंटी-कश्मीर बन गई।

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2. कश्मीरियों के अधिकार से समझौता

पिछले 5 सालों के भीतर कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ एक्शन की काफी सराहना हुई। कश्मीर में पत्थरबाजी भी कम हो गई। जहां एक तरफ कश्मीर की अमन और शांति देखकर लोग खुश हैं, तो दूसरी तरफ उन्हें लगता है कि उनके कई अधिकार छीन लिए गए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि उनकी बोलने की आजादी और नागरिक अधिकारों के साथ समझौता हुआ है। इसी वजह से कश्मीर में बीजेपी की जीत पर संशय बरकरार है।

3. घाटी को विकास का इंतजार

अनुच्छेद 370 हटाने के बाद बीजेपी ने नए कश्मीर का विकास मॉडल पेश किया था। इस लिस्ट में विकास प्रोजेक्ट, युवाओं को नौकरी और बड़ी संख्या में निवेश जैसे वादे शामिल थे। अनुच्छेद 370 को हटे 5 साल हो चुके हैं। मगर नए कश्मीर के विकास मॉडल का सपना अभी तक पूरी तरह साकार नहीं हुआ है। कश्मीर के ज्यादातर युवा अभी भी बेरोजगार हैं।

4. सहयोगी दलों का खराब प्रदर्शन

जहां एक तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन एग्जिट पोल में जीत का आंकड़ा छू रहा है, तो दूसरी तरफ बीजेपी के सहयोगी दलों ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है। जम्मू में बीजेपी अपने दम पर लगभग 30 सीटें जीतती दिखाई दे रही हैं। मगर कश्मीर में बीजेपी के सहयोगी दलों की खराब परफॉर्मेंस इस हार में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

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