ग्रेनेड फेंका, ड्राइवर को गोली मारी, घेरकर अंधाधुंध फायरिंग...NEWS24 कठुआ में वहां पहुंचा, जहां हुआ आतंकी हमला
Kathua Terrorist Attack Location: बीते दिन कठुआ में हुए कायराना आतंकी हमले की हर तरफ निंदा हो रही है। जंगलों में घात लगाकर बैठे आतंकियों ने सेना के काफिले को अपना निशाना बनाया। सेना के वाहन पर ग्रेनेड फेंकने के बाद आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में हमारे 5 जवान शहीद हो गए। हमला करने के बाद आतंकी आसपास मौजूद घने जंगलों में छिप गए हैं। सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। तो आइए हम आपको उस जगह पर ले चलते हैं जहां कल आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया था।
आतंकियों ने कैसे रोकी सेना की गाड़ी?
आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर हमला किया था। कठुआ के बदनोटा इलाके में इस घटना को अंजाम दिया गया था। कठुआ से 150 किलोमीटर दूर बदनोटा गांव से सेना का काफिला गुजर रहा था। तभी आतंकियों ने सेना के काफिले पर ग्रेनेड फेंका और सबसे पहले ड्राइवर को गोली मारी। सेना की दोनों गाड़ियां अभी भी मौके पर मौजूद हैं। आतंकियों ने गाड़ी के पहियों पर गोली चलाई, जिससे टायर फट गए और गाड़ी वहीं खड़ी हो गई। सेना की गाड़ी पर बुलेट के निशान साफ देखे जा सकते हैं।
चारों तरफ से चलाई गोलियां
आतंकियों के हमला करने के फौरन बाद जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। सेना के वाहन पर चारों तरफ बुलेट के निशान मौजूद हैं। इससे पता चलता है कि आतंकियों ने हर तरफ से सेना पर हमला किया। सुरक्षाबलों ने पूरी आतंकियों को मार गिराने की पूरी कोशिश की। मगर इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए।
आतंकियों ने की थी रेकी
आतंकियों ने दो ग्रुप में सेना के काफिले पर हमला किया था। एक गाड़ी आगे चल रही थी और दूसरी गाड़ी पीछे थी। आतंकियों ने दोनों गाड़ी को एक-साथ निशाना बनाया। वीडियो देखकर साफ पता चलता है कि आतंकियों ने सोची-समझी साजिश के तहत इस हमले को अंजाम दिया। खबरों की मानें तो कुछ स्थानीय गाइडों ने इस हमले में आतंकियों की मदद की है। आतंकियों ने पहले इस जगह की रेकी की और सारी जरूरी जानकारियां हासिल कर ली। आतंकियों को पता था कि सेना का काफिला कितने बजे यहां से गुजरता है।
राशन लेकर कैंप की तरफ जा रहा था वाहन
आतंकियों ने पहले गाड़ी पर ग्रेनेड दागा। जिससे गाड़ी के ऊपर मौजूद छत फट गई और गाड़ी में बैठे जवान घायल हो गए। जवानों के ट्रक में राशन भी मौजूद था। मुमकिन है कि ये वाहन राशन लेकर आगे मौजूद कैंप में जा रहे थे। गाड़ियों पर स्टील बुलेट के निशान भी देखने जा सकते हैं।
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