क्या बीजेपी कराएगी जातीय जनगणना, मणिपुर को कौन कर रहा बदनाम? संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने खोले राज

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 1962 में अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर पर जो हमारा कंट्रोल था आज भी वही कब्जा है। बॉर्डर पर टेंशन रहती है लेकिन स्थित नियंत्रण में है।

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Kiren Rijiju Exclusive Interview: क्या बीजेपी सरकार देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करेगी? क्या लेटरल एंट्री को विपक्ष के दबाव के बाद वापस लिया गया? क्या अरुणाचल प्रदेश में चीन का दखल बढ़ता जा रहा है? इन सब सवालों पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने न्यूज 24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से खास बातचीत की।

बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने बड़ी ही बेबाकी से सभी मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जो बात सही है वे उसे ही बोलते हैं। उनका कहना था कि वे सभी बातें तथ्यों के आधार पर करते हैं और बीजेपी पार्टी अपनी सभी बातों पर कायम रहती हैं। आइए पढ़िए इंटरव्यू के प्रमुख अंश...

नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर देखिए पूरा इंटरव्यू

 

सवाल-गठबंधन सरकार में सांसदों को मैनेज करना कितना मुश्किल?
जवाब-संसदीय कार्यमंत्री के नाते मेरी कुछ जिम्मेदारी हैं, मैं सबको साथ लेकर और सभी सांसदों के सहयोग से काम करता हूं। यही वजह है कि दोनों सदनों में दो सेशन ठीक से चलें।

सवाल-आपका विपक्ष से कैसा रिश्ता है? क्या सरकार पर विपक्ष का दबाव है?
जवाब-हम इसे दबाव के रूप में नहीं देखते, ये लोकतंत्र का हिस्सा है, अगर सदन चलेगा तभी विपक्ष प्रखर रूप से अपनी बात रख सकेगा। जितना सदन नहीं चलेगा, उतना नुकसान ज्यादा होगा।

सवाल-विपक्ष का दावा है कि उनके प्रेशर में ही सरकार वक्फ बिल संशोधन के लिए JPC लेकर आई?
जवाब-विपक्ष के कहने पर बिल नहीं रुकते हैं, हमारे पास सदन में बहुमत है, हम बिल पास कर सकते थे। लेकिन विपक्ष की मांग और विस्तृत रूप से चर्चा के लिए हम वक्फ बिल संशोधन लेकर आए। कैबिनेट मे टीडीपी और जेडीयू समेत सभी सहयोगी पार्टी ने इस पर समर्थन दिया था।

सवाल-ये सोच क्यों बन रही है कि वक्फ की जमीनों को सरकार छीनना चाहती है?
जवाब-ऐसा नहीं है, ये गलत प्रचार है। वक्फ बिल संशोधन को लेकर सरकार के मन में कोई खोट नहीं है। सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि वक्फ की जमीन लेकर किसी को दे देगी। सरकार केवल ये चाहती है कि जिस चीज के लिए जमीन है वो उसी चीज के काम आए, जैसे जहां मस्जिद है वहां मस्जिद ही रहे। कोई वक्फ की जमीन को लेकर पैसा न खाए।

सवाल-क्या जातिगत जनगणना पर सरकार बैकफुट पर है? क्या इस मुद्दे पर सरकार के सहयोगी दलों का उस पर दबाव है?
जवाब-सरकार कोई भी काम जनहित और समयानुसार करती है। पीएम मोदी पर किसी का प्रेशर नहीं है, वे केवल जनहित का दबाव लेते हैं।

सवाल-आप विपक्ष के नेता राहुल गांधी को कैसे देखते हैं?
जवाब-राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सम्मान देता हूं। लेकिन उन्हें भी अपने पद की गरिमा रखनी चाहिए। सदन में भगवान के पोस्टर और बचपना करना उन्हें शोभा नहीं देता है।

सवाल-आपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि 'राहुल गांधी बालक बुद्धि हैं' क्या ये सही है?
जवाब-नेता प्रतिपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाएं ये हमारी अपेक्षा है। लेकिन राहुल गांधी कहते हैं कि मिस इंडिया में एससी, एसटी और ओबीसी का रिजर्वेशन होना चाहिए। अव्वल तो प्रधानमंत्री मिस इंडिया में रिजर्वेशन करते नहीं हैं दूसरा ये एससी, एसटी और ओबीसी का मजाक है। मैने उनके केवल इस कमेंट के जवाब में अपना पोस्ट किया था।

सवाल-क्या BJP सरकार जातिगत जनगणना कराएगी? बीजेपी पार्टी के सर्वें में जाति क्यों पूछी जा रही है?
जवाब-जातिवाद को आगे रखकर राजनीति करना सही नहीं है। जातिगत जनगणना को वोट के लिए मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। हम केवल एससी, एसटी, ओबीसी के लिए क्या कर सकते हैं? ये सोचते हैं। पार्टी के फॉर्म में जाति होती है, इससे कोई फर्क नहीं होता। हमारी पार्टी जाति के नाम पर राजनीति नहीं करती।

सवाल- क्या लेटरल एंट्री को विपक्ष के दबाव के बाद वापस लिया गया?
जवाब-नहीं, पीएम मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं। वे केवल देशहित में जो सही है वह निर्णय लेते हैं और उन्हें सही लगा इसलिए लेटरल एंट्री को वापस लिया गया।

सवाल-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपको संसदीय कार्यमंत्री क्यों बनाया? क्या आप सरकार का पक्ष ठीक से रखते हैं।
जवाब-जवाब नहीं, जो बात सही है वो ही बात बोलता हूं। मैं कोई बात तथ्य से बाहर नहीं करता। बीजेपी पार्टी अपनी बातों पर कायम हैं।

सवाल-आपने पूर्व में कोलेजियम व्यवस्था पर सवाल उठाया था, अब आपका इस मुद्दे पर क्या कहना है? आपने कुछ जजों को एंटी इंडिया कहा था?
जवाब-कई बार मेरी बातों का गलत अर्थ निकाल लिया जाता है। मैंने पूर्व में संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अपनी बात कही थीं। आज मेरा ये कहना है कि जो जिसका काम है वो उसे करे तो उचित है। जैसे ज्यूडिशियल और ब्यूरोक्रेसी का अपना-अपना काम है, उन्हें वे करना चाहिए। कोई किसी के काम में हस्तक्षेप न करें।

सवाल-मणिपुर संवेदनशील विषय है, बीते दिनों वहां भयावक कांड हुआ, सरकार के बड़े मंत्री वहां क्यों नहीं गए?
जवाब-21 दिन MOS की टीम मणिपुर में रही। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह भी वहां गए थे, लेकिन वहां विरोध कर रहे लोगों ने हथियार नहीं डाले और सहयोग नहीं किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्त का अपना भाषण ही मणिपुर से शुरू किया था। जिनको मणिपुर के बारे में जानकारी नहीं है वे लोग एक इकोसिस्टम के तहत काम करके उसे बदनाम कर रहे हैं।

सवाल- विपक्ष कहता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा ले लिया और सरकार ने कुछ नहीं किया? क्या चीन का प्रदेश पर प्रेशर है?
जवाब-नहीं ऐसा कतई नहीं है, 1962 में अरुणाचल के बॉर्डर पर जो हमारा कंट्रोल था आज भी वही कब्जा है। बॉर्डर पर टेंशन रहती है लेकिन स्थित नियंत्रण में है।

सवाल-क्या सरकार आने वाले समय में देश में यूनिफाइड सेक्युलर लॉ लाने वाली है?
जवाब-ये लॉ कब आएगा इस बारे में कुछ नहीं बता सकते, लेकिन यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लाना चाहिए ये तो बाबा साहेब अंबेडकर चाहते थे, ये संविधान की किताब में लिखा है। कुछ राज्यों ने इस तरफ कदम बढ़ाए हैं।

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