अंडरगारमेंट्स और 9 आपत्तिजनक चीजें, 53 सबूत; क्या संजय रॉय को फांसी से बचा पाएंगी कविता‌?

Sanjay Roy Polygraph Test: कोलकाता रेप मर्डर केस में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है और CBI के पास उसके खिलाफ कई सबूत हैं। संजय से जुड़ी चीजें भी जब्त हो चुकी हैं। वहीं अब तो संजय को सरकारी वकील भी मिल चुका है।

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Kolkata Rape Murder Case

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Kolkata Rape Murder Case Update: कोलकाता रेप मर्डर केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट आज 25 अगस्त दिन रविवार को कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में हुआ। CBI और दिल्ली से आई सेंट्रल फॉरेंसिक टीम ने संजय रॉय का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया। बीते दिन केस से जुड़े अन्य लोगों आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, 4 डॉक्टरों, एक हाउस स्टाफ का पॉलीग्राफी टेस्ट CBI दफ्तर में हुआ था।

अब CBI, सरकार, सुप्रीम कोर्ट और देशवासियों को इस टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं संजय रॉय को सरकारी वकील मिला है, जिनका नाम कविता सरकार है। देशभर के वकीलों के संजय रॉय का केस लड़ने से इनकार करने के बाद सियालदह कोर्ट ने कविता को संजय का वकील बनाया। इस बीच जानकारी सामने आई है कि CBI ने संजय रॉय से जुड़ी 9 आपत्तिजनक चीजें जब्त करके करीब 53 सबूत उसके खिलाफ जुटाए हैं।

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CBI ने संजय रॉय के खिलाफ यह सबूत जुटाए

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, CBI को वारदात स्थल से फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट, ब्लड सैंपल मिले हैं। इसके अलावा कई तरह के सैंपल फोरेंसिक टीम ने वारदातस्थल से जुटाए। काफी सबूत पीड़िता की डेडबॉडी और सामान से मिले हैं। सबसे बड़ा सबूत संजय रॉय का ईयरफोन, जो वारदातस्थल पर मिला और संजय रॉय के फोन से कनेक्टिड था। CCTV फुटेज में संजय सेमिनार हॉल से निकलता नजर आया है।

पुलिस ने संजय रॉय के फोन की वारदात वाली रात की लोकेशन भी मैच कर ली है। इसके अलावा पुलिस संजय रॉय से उसका निजी सामान जब्त कर चुकी है। जैसे- वारदात वाली रात पहने कपड़े, अंडरगारमेंट्स, सैंडल, मोबाइल, बाइक, हेलमेट, पर्स समेत करीब 9 चीजें बरामद की हैं, जिनमें कुछ आपत्तिजनक चीजें भी शामिल हैं। यह सभी सबूत इशारा कर रहे हैं कि वारदात वाली रात संजय अस्पताल में था, वारदातस्थल पर था और वारदात से उसका कनेक्शन है।

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कौन हैं कविता और क्यों लड़ रही हैं केस?

कविता सरकार 25 साल से वकील हैं और इस समय पश्चिम बंगाल स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी (SLSA) में तैनात इकलौती वकील हैं। अलीपुर कोर्ट से करियर की शुरुआत करके उन्होंने फरवरी 2023 में अथॉरिटी के केस हैंडल करने शुरू किए। अथॉरिटी गरीब, कमजोर वर्ग के लोगों को वकील उपलब्ध कराती है। जून 2023 से कविता सरकार सियालदह कोर्ट में नियुक्त हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39A के अनुसार, देश के हर नागरिक को इंसाफ मिलना चाहिए, यह उसका अधिकार है।

आरोपी हो या पीड़िता दोनों पक्षों को सुनने समझने के बाद ही कोर्ट फैसला सुनाएगी। संजय रॉय का पक्ष सुनना भी जरूरी है, लेकिन कोई उसका केस लड़ने को तैयार नहीं था। इसलिए सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय का केस कविता सरकार को सौंपा।कविता सरकार कहती हैं कि वे अपना काम करेंगी, जो जिम्मेदारी मिली है, उसे निभाएंगी। वे फांसी की सजा के खिलाफ हैं, क्योंकि उनके लिए उम्रकैद बड़ी सजा है। जेल में रहकर व्यक्ति को खुद का मूल्यांकन करने और अपने किए के लिए पछताने का मौका मिलता है। पीड़िता को इंसाफ मिलना चाहिए, लेकिन किसी निर्दोष को सजा न मिल जाए, यह सुनिश्चित करना भी न्याय व्यवस्था का कर्तव्य है।

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