'जल्दी आइए...उसने सुसाइड कर लिया', डॉक्टर के पिता से क्यों छिपाया सच? ये 3 क्लिप खोल रहीं गहरे राज
Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में पूरा देश गुस्से में है। माता-पिता ने आरोप लगाए थे कि उनको अस्पताल से कॉल की गई थी। जिसमें बताया गया था कि बेटी ने आत्महत्या कर ली है। अब कुछ ऑडियो क्लिप सामने आई हैं। 31 साल की डॉक्टर के माता-पिता से सच क्यों छिपाया गया? यह बात समझ से परे है। बताया गया कि आपकी बेटी ने सुसाइड किया है। कृपया जल्दी करके आएं। 9 अगस्त को वारदात के बाद मेडिकल कॉलेज के एक स्टाफ मेंबर ने माता-पिता को 3 बार फोन किया था। जिससे पता लगता है कि जूनियर डॉक्टर की हालत को लेकर भ्रम फैलाया गया। पहली कॉल में सहायक अधीक्षक को सुना जा सकता है। जो माता-पिता से अस्पताल आने का आग्रह कर रही हैं। वे कह रही हैं कि आपकी बेटी की तबियत ठीक नहीं है। क्या आप अस्पताल आ जाएंगे?
पिता की बात सुन झिझक गया कॉलर
पिता गड़बड़ की आशंका जाहिर करते हैं। फिर और जानकारी मांगते हैं। इसके बाद उनको बताया जाता है कि महिला को भर्ती किया जा रहा है। उसकी हालत ठीक नहीं है। पिता ने जब और जानकारी मांगी तो आगे से स्टाफ झिझकता है। बोला जाता है कि जब अस्पताल आएंगे तो डॉक्टर सारी बात बता देंगे। हमें आपका नंबर मिला और परिजन होने के नाते फोन कर दिया। इसके बाद वही कर्मचारी पिता को फिर फोन करता है। हालत गंभीर होने और जल्दी आने की बात कहता है। पिता की चिंता बढ़ने लगी कि आखिर बेटी के साथ क्या हुआ है? इसके बाद भी ठीक से जवाब नहीं मिला। पिता ने आगे से पूछा तो जवाब मिला कि वे सहायक अधीक्षक बोल रहे हैं। जिसके बाद डॉक्टर नहीं होने की बात कह फोन काट दिया जाता है। तीसरी कॉल में बेटी के सुसाइड किए जाने की बात कही जाती है। बताया जाता है कि पुलिस भी यहां है।
पहली कॉल: सुबह 10.53 बजे
कॉलर: आरजी कर की सहायक अधीक्षक बोल रही हूं
पीड़िता के पिता: क्या हुआ है? आप बताएं?
कॉलर: उसकी हालत बहुत खराब है, कृपया जल्द आएं
पीड़िता के पिता: कृपया बताएं कि क्या हुआ है?
कॉलर: डॉक्टर बताएंगे, आप जल्दी आइए
पीड़िता के पिता: आप कौन?
कॉलर: मैं सहायक सुपर हूं, डॉक्टर नहीं
पीड़िता के पिता: वहां कोई डॉक्टर नहीं है?
कॉलर: मैं सहायक सुपर हूं। हम आपकी बेटी को इमरजेंसी में लेकर आए हैं। आप जल्द आकर संपर्क करें।
पीड़िता की मां: उसे क्या हुआ, वह ड्यूटी पर थी?
कॉलर: जल्दी आइए, जितनी जल्दी हो सके।
दूसरी कॉल में एक पुरुष की आवाज सुनाई देती है। तब तक माता-पिता अस्पताल के लिए रवाना हो चुके थे।
कॉलर: मैं आरजी कर से बोल रहा हूं
मां: हां, बोलिए
कॉलर: आप आ रहे हैं, हैं न?
मां: हम आ रहे हैं। वह कैसी है?
कॉलर: आप आइए, हम बात करेंगे, अस्पताल के चेस्ट डिपार्टमेंट में एचओडी के पास आइए
मां: ठीक है
तीसरी कॉल में ही पीड़िता के माता-पिता को बताया गया कि महिला डॉक्टर ने आत्महत्या की है।
पिता: नमस्ते
कॉलर: मैं असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट बोल रहा हूं।
पिता: हां
कॉलर: शायद आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। वह मर चुकी है, पुलिस आ गई है, सब यहां हैं, कृपया जल्दी आएं।
पिता: हम अभी आ रहे हैं (पीड़िता की मां चीखती हैं कि मेरी बेटी अब नहीं रही)
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माता-पिता ने आरोप लगाया था कि उनको शव दिखाने के लिए 3 घंटे इंतजार करवाया गया। लेकिन पुलिस ने इससे इन्कार किया था। कोलकाता पुलिस के अनुसार माता-पिता दोपहर 1 बजे अस्पताल पहुंचे थे। जिसके 10 मिनट बाद उनको सेमिनार हॉल ले जाया गया था। पिता के अनुसार शव के ऊपर सिर्फ चादर लिपटी थी। एक हाथ सिर के ऊपर था।