कोलकाता में क्यों घट रही पीली टैक्सियों की संख्या? सड़कों पर उतरे ड्राइवर क्या कर रहे मांग
Kolkata Taxi (मनोज पांडे): कभी कोलकाता शहर का मुख्य साधन पीली टैक्सी हुआ करती थी। एक समय में हावड़ा और सियालदह में ज्यादातर पीली टैक्सियों की लंबी-लंबी कतारे देखी जाती थी। लेकिन अब यह पीली टैक्सियां पूरी तरह से गायब होने की कगार पर है। एक महीने के अंदर करीब 1,000 और टैक्सियां बंद होने वाली हैं। कभी कोलकाता में परिवहन का एक अहम साधन रही पीली टैक्सियां अब पुरानी यादों को ताजा करने वाली सवारी या कम पसंद की जाने वाली सार्वजनिक परिवहन सेवा बनकर रह गई हैं।
खतरे में पीली टैक्सियों का अस्तित्व
ऑनलाइन ऐप कैब को पीली टैक्सियों पर बढ़त दिला दी है, जो अपने प्रतिद्वंद्वियों के बीच तकनीकी युग में अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। ड्राइवरों के अनुसार, ऑनलाइन ऐप कैब में एयर कंडीशनिंग की न होगा पीली टैक्सियों के लिए एक और नुकसान है। इसके अलावा इसमें अभी तक अपने कई आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं। ऑनलाइन ऐप कैब का आना और कोविड-19 महामारी ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी ने कोलकाता के ट्रांसपोर्टरों के इस वर्ग को पंगु बना दिया है।
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लगातार घट रही टैक्सियों की संख्या
ड्राइवरों ने दावा किया कि यात्री साथी ऐप ने कोलकाता के पंगु परिवहन को कुछ ऑक्सीजन देने का काम किया है। लेकिन अभी भी पीली टैक्सियों को नया जीवन देने में बाधा सामने आ रही है, अभी बेहतर विकल्प की तलाश में हैं। ऑपरेटरों के अनुसार, कोलकाता में पीली टैक्सियों की संख्या पहले की 27,000 से 28,000 से घटकर लगभग 3000-4000 रह गई है।
इसको लेकर टैक्सी एसोसिएशन की तरफ से टैक्सी ड्राइवर सड़कों पर उतर चुके हैं। उनका कहना है कि टैक्सी सड़क से गायब होती है तो सरकार को इसका कोई अल्टरनेटिव व्यवस्था करने की जरूरत है। उनका कहना है कि कई ऐसे परिवार हैं जो टैक्सी ड्राइवर के ऊपर ही निर्भर है। वह रोज टैक्सी से पैसा कमाते हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। पीली टैक्सी बंद हो जाने से हजारों की संख्या में ड्राइवर बेकार हो जाएंगे।
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