कौन हैं कुणाल घोष? जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले छोड़ा TMC महासचिव का पद
Kunal Ghosh Resignation: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। वेस्ट बंगाल पार्टी प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया। इस बारे में उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी है। शारदा चिटफंड घोटाले के बाद वह चर्चा में आए थे। जिसके बाद उनके राजनीतिक सितारे ठीक नहीं चल रहे हैं।
আমি @AITCofficial এর রাজ্য সাধারণ সম্পাদক ও মুখপাত্র পদে থাকতে চাইছি না। সিস্টেমে আমি মিসফিট। আমার পক্ষে কাজ চালানো সম্ভব হচ্ছে না। আমি দলের সৈনিক হিসেবেই থাকব। দয়া করে দলবদলের রটনা বরদাস্ত করবেন না। @MamataOfficial আমার নেত্রী, @abhishekaitc আমার সেনাপতি, @AITCofficial আমার…
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) March 1, 2024
बना रहूंगा पार्टी कार्यकर्ता
अपने इस्तीफे के बारे में सोशल मीडिया साइट X पर जानकारी शेयर करते हुए कुणाल घोष ने लिखा कि मैं सिस्टम में मिसफिट हूं। इसलिए टीएमसी का प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता नहीं रहना चाहता हूं। आगे घोष ने लिखा कि मैं पार्टी कार्यकर्ता बनकर रहना पसंद करूंगा। कृपया दलबदल की अफवाहों पर ध्यान दें। उन्होंने अपनी पोस्ट में स्पष्ट किया है कि वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। वह केवल पार्टी के पदों से खुद को अलग कर रहे हैं, आगे वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
Bio में किया बदलाव
जानकारी के अनुसार पार्टी के पदों से इस्तीफा देने के बाद कुणाल घोष ने X पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट के बायो भी बदल दिया है। अकाउंट पर से टीएमसी का नाम और पद हटाकर खुद के पत्रकार होने की बात लिखी। बता दें इससे पहले गुरुवार को भी उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा था कि कुछ नेता अक्षम, स्वार्थी और गुटबाजी करने वाले हैं। वे पूरे साल कामचोरी करते हैं और चुनाव करीब आने पर दीदी (ममता बनर्जी) के नाम पर जीतते हैं।
ईडी ने की थी संपत्ति कुर्क
जानकारी के अनुसार कुणाल घोष पेशे से पत्रकार हैं। फिलहाल वह टीएमसी पार्टी में हैं। इससे पहले वह कई अखबार और न्यूज चैनलों में काम कर चुके हैं। साल 2013 में उनका नाम तब देश में चर्चा में आया जब शारदा चिटफंड घोटाले में उन्हें आरोपी बनाया गया था। 24 नवंबर 2013 को उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। इस मामले में ईडी ने उनकी संपत्ति भी कुर्क की थी।