La Nina Effect: उत्तर भारत ही नहीं, पूरे देश में कहर बरसाएगा मौसम! इन बड़े राज्यों पर पड़ेगा असर
La Nina Effect in All States: उत्तर भारत में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने वाली है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन महीने उत्तर भारत के लोगों के लिए बेहद मुश्किल होंगे। तापमान तेजी से लुढ़ेगा, सर्द हवाएं और कोहरा ज्यादातर हिस्सों को अपनी चपेट में ले लेगा। इसका एक बड़ा कारण 'ला नीना' है। जी हां, 'ला नीना इफेक्ट' का असर न सिर्फ उत्तर भारत बल्कि दक्षिण भारत समेत देश के सभी हिस्सों में देखने को मिलेगा।
क्या है ला नीना इफेक्ट?
ला नीना, अल-नीनो सर्दन ऑसिलिएशन (ENSO) प्रक्रिया का हिस्सा है। ENSO इवेंट प्रशांत महासागर में देखने को मिलता है। जहां अल नीनो आने से भारत में समेत दुनिया के कई हिस्सों को काफी नुकसान पहुंचता है, तो वहीं ला नीना को एशियाई देशों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। प्रशांत महासागर गर्म होने के कारण इसमें अल नीनो जैसी स्थिति बनती है, जो भारत समेत कई देशों में सूखे को जन्म देती है। वहीं जब प्रशांत महासागर ठंडा होता है, तो ला नीना इफेक्ट देखने को मिलता है। इससे न सिर्फ मानसून मजबूत होता है बल्कि सर्दियां भी अधिक पड़ती है।
यह भी पढ़ें- दिल्ली-NCR में कड़ाके की ठंड कब पड़ेगी? 4 दिन 10 राज्यों में छाएगा घना कोहरा, पढ़ें IMD का अपडेट
3 महीने तक रहेगा असर
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार इस बार ला नीना अक्टूबर से एक्टिव होने लगा था। वहीं दिसंबर से फरवरी के बीच ला नीना इफेक्ट अपने शिखर पर होगा। यही वजह है कि इन 3 महीनों में ला नीना का 60 प्रतिशत असर भारत पर भी देखने को मिलेगा। तो आइए जानते हैं कि ला नीना किन राज्यों पर अपना प्रभाव छोड़ने वाला है।
La Nina Effect may caused This Winter colder than Usual. #IMD #WINTER_AHEAD_IS_COMING #WinterWondersOfIndia pic.twitter.com/w5DPovGUCm
— Sakshi (@sakkshiofficial) November 30, 2024
उत्तर भारत
ला नीना इफेक्ट की वजह से उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। प्रशांत महासागर से आने वाली ठंडी हवाएं तापमान में भारी गिरावट का कारण बन सकती हैं। खासकर जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का पारा 3 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क सकता है। इससे पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी देखने को मिलेगी, जिसका असर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश के मैदानी इलाकों पर पड़ने की संभावना है।
दक्षिण भारत
ला नीना इफेक्ट के कारण उत्तर-पूर्वी मानसून को बल मिला है। ऐसे में अक्टूबर से दिसंबर के बीच दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बरसात हो सकती है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश को तेज बारिश का सामना करना पड़ेगा। वहीं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात उठने की भी संभावना जताई गई थी। चक्रवात फेंगल भी इसी का एक उदाहरण है। बारिश के कारण दक्षिण भारत के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu: Rough sea witnessed due to the impact of cyclone Fengal; visuals from Kasimedu.
According to the Indian Meteorological Department (IMD), Cyclone Fengal is expected to make landfall close to Puducherry, along the Tamil Nadu coast by today evening. pic.twitter.com/b59co7vGIi
— ANI (@ANI) November 30, 2024
नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी भारत
उत्तर पूर्वी और पूर्वी राज्यों के लिए ला नीना वरदान बन सकता है। असम, पूर्वी बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में बारिश की संभावना है, जिससे फसलें अच्छी होंगी। हालांकि ज्यादा बारिश के कारण इन राज्यों के कुछ इलाकों में बाढ़ भी आ सकती है।
पश्चिमी भारत
ला नीना इफेक्ट का असर पश्चिमी भारत के तटीय इलाकों में देखने को मिल सकता है। मुंबई समेत कोंकण कोस्ट पर ला नीना की वजह से हल्की बारिश होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें- Cyclone Fengal: आज का दिन ‘खतरनाक’; तूफान मचाएगा तबाही! स्कूल-कॉलेज बंद, 7 राज्यों के लिए चेतावनी